तेल की कीमतों को लेकर लोकसभा में विरोध जारी रखेगा विपक्ष, कांग्रेस और टीएमसी समेत कई दलों ने दिया स्थगन प्रस्ताव

तेल की निरंतर बढ़ती कीमतों, रसोई गैस के दामों में वृद्धि, कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग आदि को लेकर विपक्ष ने लोकसभा में फिर स्थगन प्रस्ताव दिए हैं। विपक्ष का कहना है कि इन विषयों को लेकर वह सरकार के खिलाफ विरोध जारी रखेगा।

फोटो : Getty Images
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नवजीवन डेस्क

एलपीजी सिलेंडर, पेट्रोल और डीजल की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर विपक्ष ने लोकसभा में बुधवार को लगातार तीसरे दिन सरकार के खिलाफ अपना विरोध जारी रखने की योजना बनाई है। विपक्ष मूल्य वृद्धि को नियंत्रित करने और एलपीजी सिलेंडर, पेट्रोल और डीजल की बढ़ी हुई दरों को कम करने की नीतियों को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध कर रहा है। सोमवार से बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत से सदन को व्यवधान का सामना करना पड़ रहा है।

कांग्रेस, तृणमूल, एनसीपी, डीएमके और बीजेपी के पूर्व सहयोगी शिरोमणि अकाली दल और शिवसेना के सांसद पिछले दो दिनों से सदन में तेल कीमतों पर सरकार की तरफ से जवाब मांग रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है, इसके चलते बार-बार सदन की कार्यवाही स्थगित की गई है।

सभी विपक्षी दलों का कहना है कि वे तब तक अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे, जब तक सरकार उनके द्वारा निचले सदन में उठाए गए मुद्दों का कोई हल नहीं निकालती।

लोकसभा में बुधवार की कार्यवाही में कार्यवाही शुरू होने के बाद प्रश्नकाल, विभिन्न प्रमुख मंत्रालयों द्वार सभापटल पर पत्र रखना और बाद में दिन में दो विधेयकों को पेश किया जाना। रक्षा मंत्रालय से संबंधित कागजात, विदेशी मामले, कोयला और खनन, परमाणु ऊर्जा, कार्मिक, जन शिकायत और पेंशन, वाणिज्य और उद्योग संबंधी पत्र सदन के पटल पर रखे जाएंगे। इसके अलावा, सूचना, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस पर स्थायी समिति की रिपोर्ट को भी सदन में रखा जाएगा। इसके अलावा नियमितीकरण के लिए अनधिकृत कॉलोनियों की पहचान करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानूनों में संशोधन के लिए लोकसभा में एक विधेयक को पेश किया जाए। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी विचार और पारित करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी कानून (विशेष प्रावधान) द्वितीय (संशोधन) विधेयक 2021 को सदन में पेश करेंगे।


इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत द्वारा संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश, 2021 को संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश, 1950 में संशोधन के लिए पेश किए जाने की उम्मीद है। विधेयक तमिलनाडु राज्य में अनुसूचित जातियों की सूची को संशोधित करना चाहता है। सदन 2021-22 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रण में अनुदान मांगों पर केंद्रीय बजट पर चर्चा शुरू करेगा।

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