महाराष्ट्र में विपक्षी नेता मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मिले, वोट चोरी और चुनावी अनियमितताओं का मुद्दा उठाया
विपक्षी प्रतिनिधिमंडल ने मंत्रालय में सीईओ एस. चोकलिंगम से मुलाकात की और स्थानीय निकाय चुनावों से पहले मतदाता सूची में विसंगतियों को दूर करने की मांग की। विपक्षी प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस, वामपंथी दल, शेतकरी कामगार पक्ष और समाजवादी पार्टी शामिल हैं।

एनसीपी (एससीपी) के अध्यक्ष शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) नेता राज ठाकरे सहित विपक्षी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात कर मतदाता सूची समेत चुनाव प्रक्रिया में अनियमितताओं का मुद्दा उठाया। उद्धव और राज ठाकरे एक साथ चुनाव अधिकारी से मिलने पहुंचे।
विपक्षी प्रतिनिधिमंडल ने मंत्रालय (राज्य सचिवालय) में मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एस. चोकलिंगम से मुलाकात की और स्थानीय निकाय चुनावों से पहले मतदाता सूची में विसंगतियों को दूर करने की मांग की। विपक्षी प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस, वामपंथी दल, शेतकरी कामगार पक्ष और समाजवादी पार्टी शामिल हैं।
उन्होंने महाराष्ट्र में इस वर्ष के अंत में या अगले वर्ष की शुरुआत में प्रस्तावित स्थानीय निकाय चुनावों में वीवीपीएटी (वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) के उपयोग की भी मांग की। मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ और शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे और सांसद अरविंद सावंत सहित एक अन्य प्रतिनिधिमंडल ने इसी तरह की मांगों के साथ राज्य चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे से मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल एनसीपी (एससीपी) नेता जयंत पाटिल ने कहा, ‘‘हमने एस चोकलिंगम से मुलाकात की और उन्हें राज्य के विभिन्न हिस्सों में मतदाता सूची में अनियमितताओं के बारे में बताया। अब यह स्पष्ट है कि बहुत सारी अनियमितताएं हैं और यह विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में देखी जा सकती हैं।’’ उन्होंने दावा किया कि यदि इस मतदाता सूची को ‘‘फ्रीज’’ कर दिया गया और राज्य चुनाव आयोग चुनाव कराता है, तो यही ‘‘गड़बड़ी’’ कल स्थानीय निकाय चुनावों में भी जारी रहेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने मांग की है कि राज्य चुनाव आयोग और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी दोनों मिलकर हमसे बैठक करें और हमारी चिंताओं को सुनें। उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि दोनों साथ बैठकर हमारी शिकायतें सुनेंगे।’’ पाटिल ने दावा किया कि मतदाता सूची में कई नामों की दोहरी प्रविष्टियां हैं। उन्होंने कहा कि एक मामले में एक ही घर में 170 मतदाताओं के नाम दर्ज हैं, जो गड़बड़ियों की ओर इशारा करता है। पाटिल ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव कराने से पहले इन विसंगतियों को ठीक किया जाना चाहिए।
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने बताया कि बैठक के बाद विपक्षी नेताओं का संयुक्त संवाददाता सम्मेलन होना था, लेकिन चर्चा अधूरी रहने के कारण उसे टाल दिया गया। उन्होंने कहा कि चर्चा बुधवार को जारी रहेगी, क्योंकि निर्वाचन आयोग को कुछ और समय की आवश्यकता है।
राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा कि सत्तारूढ़ बीजेपी को भी इस बैठक का हिस्सा होना चाहिए था, क्योंकि यह आवश्यक है कि निर्वाचन आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराए। उन्होंने कहा, ‘‘बीजेपी पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु में भी ऐसी ही मांगें कर रही है। बीजेपी को भी यहां होना चाहिए था।’’ उन्होंने जोर देकर कहा कि चुनाव पारदर्शी और संविधान के अनुसार होने चाहिए।
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