विपक्षी दलों ने जगदीप धनखड़ के खिलाफ दाखिल किया अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस, राज्यसभा में पक्षपात का आरोप

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, राज्यसभा के माननीय सभापति द्वारा पक्षपातपूर्ण तरीके से उच्च सदन की कार्यवाही का संचालन करने के कारण इंडिया गठबंधन के सभी घटक दलों के पास उनके खिलाफ औपचारिक रूप से अविश्वास प्रस्ताव लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के घटक दलों ने जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद से हटाने के लिए प्रस्ताव लाने संबंधी नोटिस मंगलवार को सौंप दिया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि धनखड़ के "अत्यंत पक्षपातपूर्ण तरीके से राज्यसभा की कार्रवाई संचालित करने" के कारण यह कदम उठाना पड़ा है।

जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, "राज्यसभा के माननीय सभापति द्वारा अत्यंत पक्षपातपूर्ण तरीके से उच्च सदन की कार्यवाही का संचालन करने के कारण इंडिया गठबंधन के सभी घटक दलों के पास उनके खिलाफ औपचारिक रूप से अविश्वास प्रस्ताव लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।"

उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन की पार्टियों के लिए यह बेहद ही कष्टकारी निर्णय रहा है, लेकिन संसदीय लोकतंत्र के हित में यह कदम उठाना पड़ा है। उन्होंने बताया कि यह प्रस्ताव अभी राज्यसभा के महासिचव को सौंपा गया है।

इससे पहले, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने संसद परिसर में संवाददाताओं को बताया कि करीब 60 सांसदों के हस्ताक्षर वाला नोटिस राज्यसभा सभापति के सचिवालय को दिया गया है।


विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘सभापति का आचरण अस्वीकार्य है। वह बीजेपी के किसी प्रवक्ता से ज्यादा वफादार दिखने का प्रयास कर रहे हैं।’’

संविधान के अनुच्छेद 67 में उपराष्ट्रपति की नियुक्ति और उन्हें पद से हटाने से जुड़े तमाम प्रावधान किए गए हैं।

संविधान के अनुच्छेद 67(बी) में कहा गया है, "उपराष्ट्रपति को राज्यसभा के एक प्रस्ताव, जो सभी सदस्यों के बहुमत से पारित किया गया हो और लोकसभा द्वारा सहमति दी गई हो, के जरिये उनके पद से हटाया जा सकता है। लेकिन कोई प्रस्ताव तब तक पेश नहीं किया जाएगा, जब तक कम से कम 14 दिनों का नोटिस नहीं दिया गया हो, जिसमें यह बताया गया हो ऐसा प्रस्ताव लाने का इरादा है।"

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कांग्रेस के कई सदस्यों ने सोमवार को सभापति जगदीप धनखड़ पर राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान ‘पक्षपातपूर्ण रवैया’ अपनाने का आरोप लगाया था।

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