बिहार मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया के खिलाफ संसद परिसर में विपक्ष का विरोध, राहुल गांधी के नेतृत्व में जोरदार प्रदर्शन
कांग्रेस महासचिव और सांसद प्रियंका गांधी ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि SIR की प्रक्रिया लोकतंत्र की हत्या है, और इसलिए हम बार-बार कह रहे हैं कि यह पूरी तरह से गलत है।

बिहार में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया के खिलाफ संसद भवन परिसर के मकर द्वार पर विपक्षी नेताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन की अगुवाई विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने की, जिनके साथ INDIA गठबंधन के तमाम सांसद भी मौजूद थे।
विपक्ष का आरोप है कि बिहार में चल रही SIR प्रक्रिया के नाम पर वोटरों के अधिकार छीने जा रहे हैं और लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। प्रदर्शनकारियों ने इसे "वोट की चोरी" करार दिया और कहा कि इस प्रक्रिया के जरिए गरीबों और वंचितों को मतदाता सूची से बाहर किया जा रहा है।
प्रियंका गांधी: "SIR लोकतंत्र की हत्या है"
कांग्रेस महासचिव और सांसद प्रियंका गांधी ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि SIR की प्रक्रिया लोकतंत्र की हत्या है, और इसलिए हम बार-बार कह रहे हैं कि यह पूरी तरह से गलत है।
इमरान प्रतापगढ़ी: "ये वोट चोरी की साजिश है"
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि यह मामला केवल बिहार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश में वोटरों को उनके मताधिकार से वंचित करने की एक व्यापक साजिश है। उन्होंने कहा कि हम इसे सदन में उठाएंगे। सिर्फ कांग्रेस नहीं, पूरा विपक्ष इस मुद्दे पर एकजुट है।
28 जुलाई को SC में सुनवाई, लेकिन EC अडिग
कांग्रेस के मुख्य सचेतक कोड़ी कुन्नील ने बताया कि विपक्ष इस मुद्दे को संसद में उठाना चाहता है, लेकिन सरकार दोनों सदनों में इसकी अनुमति नहीं दे रही। उन्होंने कहा कि 28 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में SIR मामले की सुनवाई होनी है, फिर भी चुनाव आयोग इसे रोकने को तैयार नहीं है।
मनिकम टैगोर: "SIR प्रक्रिया में EC बीजेपी का साथ दे रहा है"
कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने आरोप लगाया कि SIR एक साजिश है जिसमें गरीबों के वोट छीनने की कोशिश हो रही है और चुनाव आयोग भाजपा के साथ खड़ा है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे को सदन में उठाने के लिए आज स्थगन प्रस्ताव भी दिया गया है।
क्या है SIR प्रक्रिया?
स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) एक प्रक्रिया है, जिसमें मतदाता सूची की विशेष समीक्षा की जाती है। लेकिन विपक्ष का आरोप है कि इसका दुरुपयोग कर के हजारों वास्तविक मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जा रहे हैं, खासकर गरीब और कमजोर वर्गों के।
विपक्ष का सरकार और EC पर सीधा हमला
SIR को लेकर राजनीतिक विवाद तेज हो गया है। जहां एक ओर विपक्ष इसे मताधिकार पर हमला बता रहा है, वहीं चुनाव आयोग की चुप्पी पर भी सवाल उठ रहे हैं। अब सभी की निगाहें 28 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिक गई हैं।
इंडी गठबंधन ने की अहम बैठक
संसद का मॉनसून सत्र जारी है। इस बीच, इंडी गठबंधन के नेताओं की मंगलवार को संसद भवन परिसर में एक बैठक हुई, जिसमें मॉनसून सत्र के लिए रणनीति तैयार की गई और विपक्ष द्वारा सदन में उठाए जाने वाले प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई। गठबंधन ने फैसला किया कि वे सरकार पर दबाव बनाएंगे और महत्वपूर्ण मुद्दों को जोर-शोर से उठाएंगे।
संसद भवन परिसर में हुई इस बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के साथ-साथ गठबंधन के अन्य प्रमुख सांसद शामिल रहे।
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर बैठक से जुड़ी कुछ तस्वीरों को शेयर किया। उन्होंने बताया कि आज पार्लियामेंट हाउस कॉम्प्लेक्स में इंडी गठबंधन के फ्लोर लीडर्स की बैठक हुई। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के साथ इंडी गठबंधन के सांसद मौजूद रहे।
कांग्रेस ने बताया कि मॉनसून सत्र में विपक्ष कई अहम मुद्दों को सदन में उठाएगा, जिनमें पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर, युद्धविराम और ट्रेड को लेकर ट्रंप के बयान, बिहार में एसआईआर के नाम पर हो रही वोटबंदी, विदेश नीति का विषय (पाक, चीन, गाजा), डिलिमिटेशन का मुद्दा, देश में दलित, पिछड़े, आदिवासी, महिला और अल्पसंख्यक वर्गों पर अत्याचार का मुद्दा, अहमदाबाद प्लेन हादसा और मणिपुर हिंसा शामिल हैं। प्रधानमंत्री को सदन में आकर इन मुद्दों से जुड़े सवालों के जवाब देने चाहिए।
संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो चुका है और 21 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच तीखी बहस की उम्मीद है।
संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक हुई थी, जिसमें विभिन्न विधेयकों और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए समय निर्धारित किया गया है। 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर लोकसभा में 16 घंटे और राज्यसभा में 9 घंटे की चर्चा के लिए सहमति बनी है। इसके अलावा, 'भारतीय डाक विधेयक' पर लोकसभा में 3 घंटे की चर्चा का समय तय किया गया है।
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