बिहार मतदाता सूची पुनरीक्षण के खिलाफ संसद में विपक्ष का जोरदार विरोध, राहुल गांधी समेत कई सांसद प्रदर्शन में शामिल
विपक्ष का आरोप है कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के नाम पर एक राजनीतिक साजिश रची जा रही है, जिसके तहत बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम जानबूझकर हटाए जा रहे हैं।

संसद के मॉनसून सत्र के तीसरे दिन भी विपक्षी दलों ने बिहार में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) यानी विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के खिलाफ संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के साथ समाजवादी पार्टी के प्रमुख और सांसद अखिलेश यादव, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी, राजीव शुक्ला और किरण कुमार चामला समेत विपक्षी सांसद शामिल हुए।
विपक्ष का आरोप है कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के नाम पर एक राजनीतिक साजिश रची जा रही है, जिसके तहत बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम जानबूझकर हटाए जा रहे हैं।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, “हम सब इस साजिश के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि चुनाव से पहले इतनी बड़ी संख्या में नाम हटाए गए हों। यह लोकतंत्र की हत्या का प्रयास है। जैसे हरियाणा और महाराष्ट्र में हुआ, वैसे ही बिहार में भी बीजेपी वोटिंग का अधिकार छीनना चाहती है।”
कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने भी इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, “जब तक चुनाव आयोग इस विषय पर सुनवाई नहीं करता, विपक्ष संसद में अपना विरोध जारी रखेगा। हम निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया की मांग कर रहे हैं।”
वहीं, कांग्रेस सांसद किरण कुमार चामला ने लोकतंत्र और संसद में संवाद की गिरती परंपरा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “हम बार-बार कह रहे हैं कि चुनाव आयोग को निष्पक्ष और पारदर्शी होना चाहिए। यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की जिम्मेदारी है। आज संसद में विपक्ष को बोलने का मौका तक नहीं मिल रहा। ऐसा आज़ादी के बाद पहली बार हो रहा है जब नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को किसी भी मुद्दे पर अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया जा रहा।”
चामला ने आगे कहा, “यह दर्शाने की कोशिश की जा रही है कि विपक्ष सदन में हंगामा कर रहा है, जबकि सच यह है कि सरकार संवाद से भाग रही है। हम सिर्फ निष्पक्ष प्रक्रिया और हर नागरिक को वोट देने का अधिकार सुनिश्चित करने की मांग कर रहे हैं।”
SIR मामला क्या है?
चुनाव आयोग ने बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) शुरू किया है, जिसके तहत वोटर लिस्ट का पुनः सत्यापन और अपडेट किया जा रहा है। विपक्ष का कहना है कि यह अभियान एकतरफा और पक्षपातपूर्ण तरीके से चलाया जा रहा है, जिससे दलित, अल्पसंख्यक और विपक्ष समर्थक वर्गों के नाम हटाए जा रहे हैं।
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