संसद में विपक्ष को लोगों के मुद्दे उठाने से रोका गया, सरकार ने मांगों को किया अनसुना- अधीर रंजन चौधरी

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि विपक्ष भी ईंधन की कीमतों में वृद्धि, कृषि कानूनों, मुद्रास्फीति, टीकाकरण की स्थिति पर व्यापक चर्चा चाहता था, लेकिन सरकार ने मांगों को नहीं सुना, जबकि सदन में कई बिल 7-8 मिनट के भीतर पारित हो गए।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

हंगामेदार मानसून सत्र के बीच बुधवार को लोकसभा के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि संसद में विपक्ष को आम आदमी से संबंधित मुद्दों को उठाने की इजाजत से इनकार किया गया। उन्होंने कहा कि पेगासस विवाद पर चर्चा की हमारी मांग को लोकसभा में नहीं उठाने दिया गया, जबकि फ्रांस, जर्मनी, हंगरी और यहां तक कि इजराइल सहित कई देशों में चर्चा चल रही है।

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि विपक्ष भी ईंधन की कीमतों में वृद्धि, कृषि कानूनों, मुद्रास्फीति, टीकाकरण की स्थिति पर व्यापक चर्चा चाहता था, लेकिन सरकार ने मांगों को नहीं सुना, जबकि सदन में कई बिल 7-8 मिनट के भीतर पारित हो गए। संसद में विपक्ष को आम लोगों से जुड़े मुद्दे उठाने से रोका गया।


गौरतलब है कि लोकसभा की कार्यवाही बुधवार को अपने निर्धारित समय से दो दिन पहले अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई, जिससे संसद का मानसून सत्र समाप्त हो गया। इससे पहले संसद का मानसून सत्र 13 अगस्त को समाप्त होने वाला था। लोकसभा स्थगित होने के बाद स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि मानसून सत्र उम्मीद के मुताबिक नहीं चल सका और सिर्फ 21 घंटे 14 मिनट ही बैठ सका।

बिड़ला ने यह भी कहा कि चर्चा और अन्य विधायी कार्यों के लिए आवंटित 96 घंटों में से लगभग 74 घंटों का उपयोग इस उद्देश्य के लिए नहीं किया गया और इस सत्र में केवल 22 प्रतिशत काम हुआ। इस अवधि के दौरान, संविधान (127वां) विधेयक, 2021 सहित सदन में 20 महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए, 66 तारांकित प्रश्नों के उत्तर दिए गए और सदस्यों द्वारा 331 प्रश्न उठाए गए। केंद्रीय मंत्रियों ने 22 बयान दिए।

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