अमरनाथ यात्रा पर पड़ा पहलगाम आतंकी हमले का असर, पंजीकरण में 10 प्रतिशत की गिरावट आई
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन और सुरक्षाबलों द्वारा उठाए गए कदमों के कारण तीर्थयात्रियों में विश्वास लौट रहा है, जिसके परिणामस्वरूप अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण में फिर से तेजी आई है।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरुवार को कहा कि पहलगाम आतंकी हमले की वजह से इस साल अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों के पंजीकरण में 10 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। सिन्हा ने राजभवन में कहा, ‘‘पहलगाम में 22 अप्रैल की घटना से पहले तीर्थयात्रियों का पंजीकरण अच्छी गति से चल रहा था, लेकिन उसके बाद पंजीकरण में कमी आई। पिछले साल की तुलना में पंजीकरण में 10.19 प्रतिशत की गिरावट आई है।’’
उपराज्यपाल ने कहा कि पहलगाम क्षेत्र के बैसरन में आतंकवादी हमला होने से पहले करीब 2.36 लाख श्रद्धालुओं ने अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण कराया था। उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर प्रशासन और सुरक्षाबलों द्वारा उठाए गए कदमों के कारण तीर्थयात्रियों में विश्वास लौट रहा है, जिसके परिणामस्वरूप अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण में फिर से तेजी आई है।’’
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) ने 22 अप्रैल से पहले यात्रा के लिए पंजीकरण कराने वाले तीर्थयात्रियों से पुनः सत्यापन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, ‘‘अब तक 85,000 तीर्थयात्रियों ने अपने पंजीकरण की पुनः पुष्टि कर ली है। हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में पंजीकरण में तेजी आएगी।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या आतंकवादी हमले से इस वर्ष अमरनाथ यात्रा प्रभावित हुई है, सिन्हा ने कहा कि इससे समूचा जम्मू-कश्मीर विशेषकर घाटी प्रभावित हुई है। उपराज्यपाल ने कहा कि तीर्थयात्रा के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है। अमरनाथ तीर्थयात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी। इस वर्ष अमरनाथ यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर सेवाओं के निलंबन को लेकर सिन्हा ने कहा कि यह निर्णय अन्य राज्यों में हाल ही में हुई दुर्घटनाओं और सुरक्षा चिंताओं सहित विभिन्न कारकों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
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