महाराष्ट्र-हरियाणा में नहीं चला पाकिस्तान और 370 का कार्ड, दोनों राज्यों में बीजेपी पस्त

महाराष्ट्र में बीजेपी भले ही गठबंधन के दम पर सरकार बनाने की स्थिति में है, मगर उसकी अपनी सीटें पिछली बार से घट गई हैं। वहीं हरियाणा में 75 पार का नारा देने वाली बीजेपी बहुमत के लिए जरूरी 45 के आंकड़े से भी दूर खड़ी है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों में कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का मुद्दा बीजेपी के लिए कोई गुल नहीं खिला सका। दोनों राज्यों के अब तक आए रुझानों में बीजेपी ने पिछली बार से कमजोर प्रदर्शन किया है। पार्टी दोनों राज्यों में खुद के तय लक्ष्य से दूर दिख रही है। महाराष्ट्र में बीजेपी भले ही गठबंधन के दम पर सरकार बनाने की स्थिति में है, मगर उसकी अपनी सीटें पिछली बार से घट गई हैं। महाराष्ट्र में बीजेपी ने गठबंधन के लिए 212 और खुद के लिए 144 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया था। लेकिन ताजा आकंड़ों ने उनके लक्ष्य और दावों पर पानी फेर दिया है।

वहीं हरियाणा में 75 पार का नारा देने वाली बीजेपी बहुमत के लिए जरूरी 45 के आंकड़े से भी दूर खड़ी है। हरियाणा में बीजेपी सरकार के जाने माने चेहरों को हार का सामना झेलना पड़ गया है। नारनौंद से कैप्टन अभिमन्यु चुनाव हार चुके है। कैप्टन अभिमन्यु खट्टर सरकार में वित्त मंत्री थे। वहीं तोहाना विधानसभा सीट से सुभाष बराला और सोनीपत सीट से कविता जैन को हार का सामना करना पड़ा है।


पीएम मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित सभी शीर्ष नेताओं ने दोनों राज्यों में रैलियां कर स्थानीय को छोड़ राष्ट्रीय मुद्दों को ही उठाया। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को साहसिक कदम बताते हुए प्रचारित किया गया था कि पिछले 70 वर्षों में जो काम किसी सरकार ने नहीं किया, उसे उन्होंने कर दिखाया।

हरियाणा में दो लाख से अधिक रिटायर्ड सैनिकों को लुभाने के लिए बीजेपी ने वन रैंक वन पेंशन की भी बात की। शहीदों के परिवार और जवानों के बच्चों के लिए संचालित योजनाओं के जरिए बीजेपी ने चुनावी अभियान के दौरान राष्ट्रवाद का कार्ड चला। लेकिन दोनों राज्यों में इस बार मोदी जादू समेत राष्ट्रवाद का मुद्दा नहीं चला।


ताजा नतीजों से ये साफ पता चलता है कि बीजेपी 2014 का प्रदर्शन नहीं दोहरा पाई है। पिछली बार से दोनों राज्यों में बीजेपी को कम सीटें आईं हैं। हरियाणा में पिछली बार 47 सीटें पाकर बहुमत से सरकार बनाने वाली बीजेपी इस बार 40 से उपर आने के लिए संघर्ष कर रही है। जबकि पिछली बार सिर्फ 15 सीटें जीतने वाली कांग्रेस इस बार दोगुनी सीटों पर जीत की ओर है।

(आईएनएस के इनपुट के साथ)

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Published: 24 Oct 2019, 5:10 PM