इंटरनेशनल लेवल पर खुलेगी पाकिस्तान की पोल! ऑपरेशन सिंदूर के लिए 7 डेलिगेशन का गठन, शशि थरूर संभालेंगे कमान
ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की निरंतर लड़ाई के संदर्भ में, सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल इस महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों सहित प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करने वाले हैं।

आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के बाद अब भारत ने कूटनीतिक मोर्चे पर पाकिस्तान की असलियत उजागर करने की रणनीति तैयार कर ली है। केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के झूठ और आतंकवादी नेटवर्क को बेनकाब करने के लिए एक विशेष बहुदलीय संसदीय टीम का गठन किया है।
इस टीम की कमान अनुभवी सांसद और विदेश मामलों के जानकार डॉ. शशि थरूर को सौंपी गई है। शशि थरूर, जो संयुक्त राष्ट्र में उच्च पद पर सेवाएं दे चुके हैं, अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में भारत की ओर से एक सशक्त आवाज माने जाते हैं। भारत द्वारा गठित यह टीम विभिन्न देशों में जाकर वहां की सरकारों, थिंक टैंक और मीडिया से संवाद करेगी और बताएगी कि कैसे पाकिस्तान लगातार आतंकवाद को शह दे रहा है। खासकर 26/11 हमले, पुलवामा, और हाल ही में पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए निर्दोष पर्यटकों पर हमले जैसे मामलों को प्रमुखता से उठाया जाएगा।
ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की निरंतर लड़ाई के संदर्भ में, सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल इस महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों सहित प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करने वाले हैं। निम्नलिखित संसद सदस्य सात प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करेंगे:
1) शशि थरूर, कांग्रेस
2) रविशंकर प्रसाद, भाजपा
3) संजय कुमार झा, जेडीयू
4) बैजयंत पांडा, भाजपा
5) कनिमोझी करुणानिधि, डीएमके
6) सुप्रिया सुले, एनसीपी
7) श्रीकांत एकनाथ शिंदे, शिवसेना
कांग्रेस ने विभिन्न देशों का दौरा करने वाले प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व शशि थरूर को सौंपे जाने के बाद पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि कांग्रेस की तरफ से सिर्फ चार नेताओं आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, सैयद नासिर हुसैन और अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के नाम सरकार को दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार पार्टी से विचार विमर्श किए बिना उसके किसी सांसद को शामिल नहीं कर सकती। उनका यह भी कहा कि यह अच्छी लोकतांत्रिक परंपरा रही है कि आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने वाले सांसद अपनी पार्टी नेतृत्व से अनुमति लेते हैं।
जयराम रमेश ने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू को पत्र लिखकर चार नाम दिए और जब मंत्री ने कांग्रेस नेतृत्व से बात की तो किसी व्यक्ति विशेष को प्रतिनिधिमंडल में रखने को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई थी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पार्टी ने जो चार नाम दिए हैं उनमें कोई बदलाव नहीं करेगी।
कांग्रेस महासचिव ने कहा, "कूटनीति के कुछ मामलों में सत्ता और विपक्ष के बीच विश्वास के आधार पर आगे बढ़ा जाता है। रिजिजू ने चार नाम मांगे थे, हमने चार नाम दिए। हमें उम्मीद थी कि जब घोषणा होगी तो जो चार नाम दिए वे ही नाम रहेंगे। लेकिन आज जब घोषणा हुई तो वे नाम नहीं थे।"
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