पद्म श्री पुरस्कार ग्रहण करने से पहले ही पंडित लक्ष्मण भट्ट तैलंग का निधन, 93 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

पंडित तैलंग की बेटी और राजस्थान की मशहूर ध्रुपद गायिका प्रोफेसर मधु भट्ट तैलंग के मुताबिक, ''पिछले कुछ दिनों से पंडितजी की तबीयत खराब होने के कारण उन्हें दुर्लभजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

फोटो: IANS
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आईएएनएस

सरकार द्वारा 26 जनवरी की पूर्व संध्या पर घोषित पद्मश्री पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं में शामिल ध्रुपदाचार्य पंडित लक्ष्मण भट्ट तैलंग का शनिवार सुबह 9 बजे निधन हो गया। पंडित तैलंग ने 93 वर्ष की उम्र में राजस्थान के जयपुर के दुर्लभजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। पिछले कुछ दिनों से उनका निमोनिया और अन्य बीमारियों का इलाज चल रहा था।

पंडित तैलंग की बेटी और राजस्थान की मशहूर ध्रुपद गायिका प्रोफेसर मधु भट्ट तैलंग के मुताबिक, ''पिछले कुछ दिनों से पंडितजी की तबीयत खराब होने के कारण उन्हें दुर्लभजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान शनिवार सुबह 9 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।"

पंडित तैलंग का पूरा जीवन गायन में बीता और उन्होंने अपने बेटे रविशंकर और बेटियों शोभा, उषा, निशा, मधु, पूनम और आरती को संगीत की व्यापक शिक्षा दी और उन्हें विभिन्न विधाओं में पारंगत बनाया।


वह 1950 से 1992 तक वनस्थली विद्यापीठ और 1991 से 1994 तक राजस्थान संगीत संस्थान, जयपुर में संगीत व्याख्याता रहे। इनके अलावा, वह 1985 में जयपुर में 'रसमंजरी संगीतोपासना केंद्र' और 2001 में 'अंतर्राष्ट्रीय ध्रुपद-धाम ट्रस्ट' के संस्थापक और निदेशक भी थे।

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