उत्तर प्रदेश में डेंगू के 'डंक' से दहशत! राजधानी लखनऊ में सबसे ज्यादा मामले, दूसरे नंबर पर है प्रयागराज

डेंगू के मामलों में प्रयागराज दूसरे नंबर पर है। प्रयागराज में डेंगू के मरीजों की संख्या 1543 है। वहीं, दिल्ली से सटे गाजियाबाद में डेंगू के मरीज बढ़ रहे हैं। यहां पर अब तक 710 मरीज सामने आ चुके हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में डेंगू के अब तक 11,183 मामले सामने आ चुके हैं।  राजधानी लखनऊ में सबसे ज्यादा बुरा हाल है। जनवरी 2022 से राजधानी में अब तक डेंगू के 1677 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। डेंगू के मामलों में प्रयागराज दूसरे नंबर पर है। प्रयागराज में डेंगू के मरीजों की संख्या 1543 है। वहीं, दिल्ली से सटे गाजियाबाद में डेंगू के मरीज बढ़ रहे हैं। यहां पर अब तक 710 मरीज सामने आ चुके हैं।

उधर, सरकार ने दावा किया है कि सभी सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को निर्देश दिए गए हैं कि वे डेंगू के मरीजों को इलाज किए बिना उन्हें वापस न भेजें। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, कंट्रोल रूम बनाया गया है। जरूरत के मुताबिक, बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक ने जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अस्पतालों में जरूरी दवाएं हमेशा उपलब्ध रहें।


चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. लिली सिंह ने दावा किया है कि डेंगू की स्थिति काबू में है। उन्होंने बताया कि कुछ जगहों पर डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं। ज्यादातर मामले लखनऊ, अयोध्या और प्रयागराज जैसे शहरों में दर्ज किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि तापमान अभी कम नहीं हुआ। ऐसे में इसलिए डेंगू के मामले कम नहीं हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में पूरी व्यवस्था है। पर्याप्त संख्या में बेड मौजूद हैं।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक ने कहा कि नगर निगम को मच्छरों के लार्वा पर दवाओं के छिड़काव का जिम्मा दिया गया है। सभी अस्पतालों में पर्याप्त दवाएं हैं। उन्होंने बताया कि अलग-अलग अस्पताल में अलग-अलग संख्या में बेड हैं। किसी अस्पताल में 10 तो किसी में 15 बेड होते हैं। जरूरत के हिसाब से इनको बढ़ाने के निर्देश भी दिए  जाते हैं। उन्होंने कहा कि अस्लतालों में बेड की कमी के आधार पर किसी भी मरीज को वापस नहीं किया जा रहा है।

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