महाराष्ट्र: बीजेपी छोड़ेंगी पंकजा मुंडे? फेसबुक और ट्विटर हैंडल से हटाया पार्टी का नाम, अटकलें तेज

रविवार को पंकजा मुंडे ने 8 से 10 दिन के भीतर बड़े फैसले लेने की बात कही थी। उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए बताया था कि वह 12 दिसंबर को समर्थकों के साथ एक बैठक करेंगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि वह बड़े फैसले लेंगी।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

महाराष्ट्र में इस बात की अटलें तेज हो गई हैं कि क्या बीजेपी नेता पंकजा मुंडे पार्टी को छोड़ने जा रही है। इन अटकलों के बीच पंकजा मुंडे ने बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से बीजेपी का नाम हटा लिया है। ऐसे में अटकलों का बाजार र गर्म हो गया है।

महाराष्ट्र: बीजेपी छोड़ेंगी पंकजा मुंडे? फेसबुक और ट्विटर हैंडल से हटाया पार्टी का नाम, अटकलें तेज

ऐसी खबरें हैं कि पंकजा मुंडे शिवसेना ज्वॉइन कर सकती हैं। इन खबरों पर शिवसेना के विधायक अब्दुल सत्तार ने कहा, “12 दिसंबर को पंकजा मुंडे तय करेगी कि वह आगे कहां जाएंगी। अगर वह शिवसेना में शामिल होती हैं, तो हम खुशी से उनका स्वागत करेंगे। स्वर्गीय गोपीनाथ जी और बालासाहेब जी ने अतीत में सौहार्दपूर्ण संबंध साझा किए थे।”


इससे पहले रविवार को पंकजा मुंडे ने 8 से 10 दिन के भीतर बड़े फैसले लेने की बात कही थी। उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए बताया था कि वह 12 दिसंबर को समर्थकों के साथ एक बैठक करेंगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि वह बड़े फैसले लेंगी।

उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, “चुनाव में हार के बाद समर्थकों फोन और मैसेज आए थे, उन्होंने मिलने का आग्रह किया, लेकिन राजनीति स्थिति की वजह से मैं समर्थकों से मिल नहीं पाई।”

पंकजा ने कहा कि बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य में भावी कार्रवाई पर फैसला लेना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मुझे बहुत कुछ कहना है, ऐसे में मुझे उम्मीद है कि मेरे ‘जवान’ रैली में जरूर आएंगे। पंकजा ने कहा कि मैं यह तय करूंगी कि आगे क्या करना है, किस रास्ते पर मुझे चलना है। उन्होंने कहा कि हमारी मजबूती क्या है, इस पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।

महाराष्ट्र में सत्ता गंवाने के बाद बीजेपी बगवाती सुर तेज हो गए हैं। पंकजा से पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे ने बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था ‘‘जो हमने जिंदगी भर कमाया था, पारदर्शिता, भ्रष्टाचार के खिलाफ हम लड़ते हैं, अजित दादा पवार के साथ हाथ मिलाकर हमारी पार्टी ने एक मिनट में सब गंवा दिया।’’ एकनाथ खडसे ने यह भी कहा था कि पार्टी ने उन्हें इस बार चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिया था और इस बात का उन्हें दुख है।

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