नोएडा के किसानों का संसद मार्च थमा, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हाईलेवल मीटिंग जारी

किसान राजनेताओं के साथ ही जिला प्रशासन के अधिकारियों से भी नाराज हैं। उन्होंने कहा कि हमने एनटीपीसी और नोएडा प्राधिकरण को काफी समय दे दिया है। लेकिन, अब तक हमारी मांगों को लेकर सिर्फ कागजी खानापूर्ति की जा रही है।

नोएडा के किसानों का संसद मार्च थमा, पुलिस-प्रशासन के साथ हाईलेवल मीटिंग जारी
नोएडा के किसानों का संसद मार्च थमा, पुलिस-प्रशासन के साथ हाईलेवल मीटिंग जारी
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नवजीवन डेस्क

नोएडा में गुरुवार सुबह से संसद कूच के लिए अड़े किसानों का आंदोलन अब थम गया है। किसानों ने गौतम बुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एक हाई लेवल बैठक का एक प्रस्ताव मिलने के बाद मार्च रोक दिया है और फिलहाल किसान सड़कों से उठकर वापस अपने धरना स्थल पर पहुंच रहे हैं।

इससे पहले शाम में पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने किसानों से बातचीत की। इसके बाद कुछ समय के लिए किसानों ने आंदोलन को स्थगित कर दिया। शाम 8 बजे पुलिस कमिश्नर ने किसानों को हाई लेवल मीटिंग के लिए बुलाया है। जिसमें किसान अपने मुद्दों को अधिकारियों के सामने रखेंगे। इस बैठक में तमाम अधिकारी मौजूद रहेंगे। बताया जा रहा है कि नोएडा प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यमुना विकास प्राधिकरण के अधिकारी भी बैठक में शामिल हो सकते हैं।

नोएडा और ग्रेटर नोएडा के किसान महापंचायत के बाद गुरुवार को दिल्ली के लिए पैदल मार्च कर रहे थे। लेकिन नोएडा पुलिस ने उन्हें दलित प्रेरणा स्थल के पास रोक दिया। किसान आगे जाना चाह रहे थे लेकिन उन्हें बीच में ही रोक लिया गया। किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली जाना चाहते थे, क्योंकि, करीब एक महीने से नोएडा के किसान सांसद और विधायक के सामने अपनी मांगों को रख रहे थे, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही थी।


मांगों को लेकर किसान हजारों की संख्या में इकट्ठा होकर दिल्ली संसद भवन की तरफ जाना चाहते थे। इसके लिए काफी समय से प्लानिंग की जा रही थी। गांव-गांव में जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा था, जिसमें फैसला लिया गया था कि गुरुवार को किसान इकट्ठा होकर दिल्ली जाएंगे। इस जानकारी के बाद पुलिस भी एक्टिव हो गई। इस समय नोएडा और ग्रेटर नोएडा में धारा 144 के साथ हाईअलर्ट भी जारी है।

पुलिस का प्रयास था कि कोई भी किसान दिल्ली ना पहुंच पाए। इसके लिए अलग-अलग स्थानों पर अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई। इन किसानों में काफी महिलाओं की संख्या भी है, लेकिन किसान किसी के रुकने में नहीं आ रहे। किसानों के संसद मार्च को स्थगित करवाने के लिए गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन और विकास प्राधिकरणों के अफसर किसान नेताओं से बातचीत कर रहे हैं। हालांकि, अब तक कोई हल नहीं निकला है। दूसरी तरफ, गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने किसानों के संसद मार्च को लेकर कमर कस ली थी।


किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ. रूपेश वर्मा ने महापंचायत में बताया कि किसान बढ़ा हुआ मुआवजा, स्थानीय लोगों को रोजगार, 10 प्रतिशत प्लॉट और आबादी की समस्या के पूर्ण निपटारे की मांग कर रहे हैं। दोनों जगहों पर अब तक कोई भी स्थानीय नेता किसानों की समस्याएं सुनने नहीं पहुंचा है। किसान जनप्रतिनिधियों के साथ ही जिला प्रशासन के अधिकारियों से भी नाराज हैं। उन्होंने कहा कि हमने एनटीपीसी और नोएडा प्राधिकरण को काफी समय दे दिया है। लेकिन, अब तक हमारी मांगों को लेकर सिर्फ कागजी खानापूर्ति की जा रही है।

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