संसद के मॉनसून सत्र का आखिरी दिन, राज्यसभा से पास हो पाएगा संशोधित ट्रिपल तलाक बिल?
केंद्रीय कैबिनेट द्वारा ट्रिपल तलाक बिल में संशोधन किए जाने के बाद सरकार को उम्मीद है कि राज्यसभा से यह बिल पास हो जाएगा। इसमें तीन तलाक के मामले को अभी भी गैर जमानती अपराध माना गया है, लेकिन संशोधन के हिसाब से अब मजिस्ट्रेट को जमानत देने का अधिकार होगा।
संसद के मॉनसून सत्र का आज आखिरी दिन है। गुरुवार को मोदी कैबिनेट द्वारा ट्रिपल तलाक बिल में संशोधन किए जाने के बाद आज राज्यसभा में इसे पेश किया जाएगा। सरकार को उम्मीद है कि इस बार यह बिल पास हो जाएगा। दरअसल विपक्ष लगातार बिल में संशोधन की मांग कर रहा था। विपक्ष की मांग थी कि बिल से गैर जमानती जैसे प्रावधान को हटाया जाए। ऐसे में गुरुवार को बिल में संशोधन करने के बाद केंद्रीय कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी। इसमें तीन तलाक के मामले को अभी भी गैर जमानती अपराध माना गया है, लेकिन संशोधन के हिसाब से अब मजिस्ट्रेट को जमानत देने का अधिकार होगा। इससे पहले 28 दिसंबर, 2017 को ट्रिपल तलाक बिल लोकसभा में पास हुआ था।
ट्रिपल तलाक बिल में सरकार ने ये संशोधन किए हैं:
- अब मजिस्ट्रेट को जमानत देने का अधिकार होगा।
- दोनों पक्षों के राजी होने पर मजिस्ट्रेट को समझौता कराने का अधिकार होगा।
- पीड़ित महिला और उसके अपने खास रिश्तेदारों को ही एफआईआर दर्ज कराने का आधिकार होगा।
ट्रिपल तलाक बिल क्या है?
मुस्लिम महिला (विवाह अधिकारों का संरक्षण) विधेयक 2017 तीन तलाक या मौखिक तलाक को आपराधिक घोषित करता है, और इसमें तीन तलाक देने वाले के खिलाफ तीन साल की जेल और जुर्माने का प्रावधान है। यह बिल मुस्लिम महिलाओं को भरण-पोषण और बच्चे की निगरानी का अधिकार देता है।
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Published: 10 Aug 2018, 8:45 AM