हवाईअड्डों पर लंबी कतारों से परेशान यात्री और सरकार, 'डिजियात्रा' का किया जा रहा प्रचार, लेकिन क्या यही है सही समाधान

हवाई अड्डों पर लंबी कतारों से यात्री परेशान हैं। सरकार भी चिंतित दिख रही है और दिखावे के लिए औचक निरीक्षण भी कर रही है। इसके साथ ही डिजियात्रा ऐप का भी प्रचार किया जा रहा है। लेकिन क्या यह सही समाधान है?

फोटोः सोशल मीडिया
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आदित्य आनंद

दिल्ली-मुंबई जैसे शहरों के प्रमुख भारतीय हवाई अड्डों पर बढ़ती और अनियंत्रित भीड़ और डिजीयात्रा जैसे ऐप आदि की शुरुआत देश के सिविल एविएशन क्षेत्र में इन दिनों सुर्खियां बने हुए हैं। आज यानी सोमवार, 12 दिसंबर को, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचे और यात्रियों से लगाता मिल रही शिकायतों और हकीकत को जानने की कोशिश की। बताते चलें कि घरेलू उड़ानों के लिए यात्रियों को घंटों लंबी कतारों में इंतजार करना पड़ रहा है।

संयोग ही है कि कल ही यानी रविवार 11 दिसंबर को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया है कि देश में हवाई अड्डों की बढ़ती संख्या और एयर कनेक्टिविटी बढ़ने के कारण अधिकांश भारतीय अब यात्रा के लिए हवाई साधनों का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने यह बात गोवा में एक अन्य नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के उद्घाटन के मौके पर कही।

लेकिन यहां बताना जरूरी होगा कि बीते एक सप्ताह के दौरान हवाई यात्रा के लिए विमान किरायों में जबरदस्त बढ़ोत्तरी हुई है, साथ ही इस दौरान हवाई यात्रियों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। आंकड़े बताते हैं कि कोविड खत्म होने के बाद दिसंबर माह में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। इस महीने यानी दिसंबर के पहले नौ दिनों में कम से कम 7 दिन ऐसे रहे जब घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या 4 लाख तक पहुंची।

कोविड के ओमिक्रॉन वेरिएंट के चलते हवाई यात्रा पर पड़े असर के बाद 5 दिसंबर को दिल्ली एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या 4,13,716 रिकॉर्ड की गई। इससे पहले 26 नवंबर को यात्रियों की संख्या 4,05,963 और 27 नवंबर को 4,09,831 दर्ज हुई थी।

इसी क्रम में एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की शिकायतों में भी बढ़ोत्तरी हुई है। दिल्ली और मुंबई से यात्रा करने वाले यात्रियों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए हवाई अड्डों की कुव्यवस्था और कुप्रंधन को लेकर लगातार शिकायतें की हैं। यात्रियों का कहना है कि हवाई अड्डे में दाखिल होने से लेकर विमान में चढ़ने तक उन्हें बेशुमार दिक्कतों और परेशानियों के साथ ही घंटो कतारों में लगना पड़ रहा है।

अधिकतर शिकायतें एयरपोर्ट टर्मिनल में दाखिले और सिक्यूरिटी चेक को लेकर हैं। साथ ही विदेश जाने वाले यात्रियों को इमीग्रेशन पर लंबी कतारों का सामना करना पड़ रहा है। कई मामले ऐसे भी सामने आए हैं जब यात्रियों को सामान की दो बार चेकिंग की गई है, जिससे सिक्यूरिटी चेक में अतिरिक्त समय लग रहा है।


मुंबई स्थित एक ट्रेवल एजेंट रेजी फिलिप का कहना है कि, “कोविड के कारण लगातार दो वर्षों तक यात्रा न कर सकने के बाद अब लोग या घूमने-फिरने या फिर कारोबार के सिलसिले में यात्रा कर रहे हैं, ऐसे में हवाई अड्डों पर भीड़ बढ़ी है। इसके अलावा ऐसे काउंटर भी कम कर दिये गए हैं जहां से लोगों को जांच आदि कर आगे भेज दिया जाता था, साथ ही सुरक्षा कर्मियों की संख्या में भी कमी हुई है।”

क्या डिजियात्रा है समाधान?

हवाई अड्डों पर अव्यवस्था और यात्रियों को हो रही दिक्कतों के मद्देनजर जहां सरकार  बैठकें आदि कर समस्या का समाधान निकालने की कोशिश कर रही है। इसी क्रम में पीक ऑवर यानी भीड़भाड़ वाले समय में दिल्ली में हवाई अड्डे के टर्मिनलों से उड़ानों की संख्या को घटाकर 33 कर दिया गया है। इसके अलाव बताया जा रहा है कि समस्या का स्थाई और दीर्घकालिक समाधान डिजीयात्रा है।

इस सेवा को पेपरलेस यात्रा और कई बार की पहचान जांच से छुटकारा देने वाला बताया जा रहा है ताकि एयरपोर्ट्स में यात्रियों को अलग-अलग काउंटरों और हिस्सों में अपनी पहचान को लेकर पेश किए जाने वाले दस्तावेजों आदि से बचाया जा सके। डिजियात्रा फिलहाल दिल्ली के अलावा वाराणसी और बेंग्लुरु हवाई अड्डे पर उपलब्ध है। कहा जा रहा है कि अगले साल मार्च तक इसे हैदराबाद, विजयवाड़ा और कोलकाता में भी उपलब्ध करा दिया जाएगा। फिलहाल यह सुविधा एयर इंडिया, विस्तारा और इंडिगो के यात्रियों के लिए ही है।

बताते चलें कि फिलहाल घरेलू यात्रियों को डिजियात्रा से जुड़ने का विकल्प दिया जा रहा है, लेकिन यह अभी अनिवार्य नहीं है। इस सेवा के लिए यात्रियों को ऐप डाउनलोड करना होगा, अपने आधार आदि की जानकारी देकर और फोटो आदि डालकर अपना बोर्डिंग पास इसमें अपलोड करना होगा। डिजियात्रा का इस्तेमाल करने वाले यात्रियों को विशेष ई-गेट से अंदर जाने की अनुमति होगी और उसे बार कोड वाले बोर्डिंग पास को स्कैन करने के बाद अपने चेहरे का स्कैन कराकर एयरपोर्ट में दाखिल होना होगा। इसी किस्म की व्यवस्था सिक्यूरिटी चेक और बोर्डिंग गेट के लिए भी होगी।

लेकिन डिजियात्रा व्यवस्था की आलोचना भी हो रही है क्योंकि इससे निजता का प्रश्न जुड़ा हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस ऐप के जरिए एयरलाइंस यात्रियों की निजी जानकारी हासिल कर लेंगे और अनधिकृत निगरानी करेंगे। लेकिन सरकार का दावा है कि डिजियात्रा में जो जानकारी ली जाएगी वह इनक्रिप्टेड होगी और उसका कोई अन्य व्यक्ति या एजेंसी या कंपनी इस्तेमाल नहीं कर पाएगी।

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