पटना जिला प्रशासन ने तेजस्वी के 'EPIC' को फर्जी करार दिया, उपयोग को बताया अपराध, 16 अगस्त तक जमा करने को कहा

तेजस्वी यादव ने 2 अगस्त को प्रेस वार्ता कर कहा था कि उक्त ईपिक नंबर से निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर सर्च करने पर विशेष गहन पुनरीक्षण 2025 के बाद प्रकाशित प्रारूप निर्वाचक सूची में उनका नाम नहीं मिल रहा है।

पटना जिला प्रशासन ने तेजस्वी के 'EPIC' को फर्जी करार दिया, उपयोग को बताया अपराध, 16 अगस्त तक जमा करने को कहा
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नवजीवन डेस्क

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर जारी विवाद के बीच पटना जिला प्रशासन ने तेजस्वी यादव को एक बार फिर पत्र जारी कर उनके द्वारा 2 अगस्त को प्रेस कांफ्रेंस में दिखाए गए मतदाता पहचान पत्र को फर्जी करार देते हुए उसे जमा करने के लिए कहा है। साथ ही जिला प्रशासन ने कहा कि फर्जी सरकारी दस्तावेज बनाना और उसका उपयोग करना कानूनी अपराध है।

पटना के दीघा विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी की ओर से जारी पत्र को पटना जिला प्रशासन ने 'एक्स' पर पोस्ट किया है। इसमें कहा है कि तेजस्वी यादव द्वारा 2 अगस्त को प्रेस वार्ता कर मीडिया को जानकारी दी गई थी कि आपका ईपिक नंबर आरएबी2916120 है और उक्त ईपिक नंबर से भारत निर्वाचन आयोग की ऑफिशियल वेबसाइट पर सर्च करने पर विशेष गहन पुनरीक्षण 2025 के बाद प्रकाशित प्रारूप निर्वाचक सूची में आपका नाम अंकित नहीं मिला और आपका नाम विलोपित कर दिया गया है।


निर्वाचन अधिकारी ने आगे कहा कि जांच में पता चला है कि तेजस्वी यादव का नाम मतदान केंद्र संख्या-204, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के पुस्तकालय भवन के क्रमांक-416 पर ईपिक संख्या- आरएबी0456228 से अंकित है। 128-राघोपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र द्वारा वर्ष 2015 और 2020 के नामांकन पत्र में दायर शपथ पत्र में आपके द्वारा ईपिक संख्या- आरएबी0456228 अंकित किया गया था। एसआईआर-2025 के दौरान आपके द्वारा बीएलओ के माध्यम से जो गणना प्रपत्र समर्पित किया गया था, उस गणना प्रपत्र में भी ईपिक संख्या आरएबी0456228 ही अंकित है।

जिला प्रशासन ने कहा कि विगत कई वर्षों की मतदाता सूचियों के डाटाबेस से मिलान करने पर भी 2 अगस्त को आयोजित प्रेस वार्ता में प्रदर्शित ईपिक कार्ड संख्या आरएबी2916120 भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किया हुआ नहीं पाया गया। आपके द्वारा प्रदर्शित ईपिक कार्ड संख्या- आरएबी2916120 फर्जी है। फर्जी सरकारी दस्तावेज बनाना एवं उपयोग करना कानूनी अपराध है। आपसे एक बार फिर अनुरोध है कि आपका फर्जी प्रतीत होता ईपिक कार्ड निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी के कार्यालय में 16 अगस्त की शाम 5 बजे तक जमा कराएं।

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