पेगासस स्‍कैंडल: कांग्रेस, शिवसेना, DMK के संसदों का प्रदर्शन, गृहमंत्री की इस्तीफे और न्यायिक जांच की मांग

कांग्रेस, शिवसेना और द्रमुक ने शुक्रवार को कथित पेगासस परियोजना को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस, शिवसेना और द्रमुक के कई सांसदों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना दिया।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस, शिवसेना और द्रमुक ने शुक्रवार को कथित पेगासस परियोजना को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस, शिवसेना और द्रमुक के कई सांसदों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना दिया।

विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे, के.सी. वेणुगोपाल, अधीर रंजन चौधरी, शशि थरूर, शिवसेना राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी और कई अन्य शामिल थे।

इस मौके पर राहुल गांधी ने कहा कि पेगासस एक हथियार है। इजरायली सरकार इसे हथियार मानती है। ये हथियार आतंकवादियों और अपराधियों के खिलाफ इस्तेमाल किया जाता है। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने इस हथियार को हिंदुस्तान की संस्थाओं और लोकतंत्र के खिलाफ प्रयोग किया है। उन्होंने कहा कि मेरा फोन टैप किया गया। यह सिर्फ मेरी निजता का मामला नहीं है, जनता की आवाज पर आक्रमण है। सुप्रीम कोर्ट और राफेल की जांच को रोकने के लिए पेगासस का प्रयोग किया गया। गृहमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए और नरेंद्र मोदी पर न्यायिक जांच होनी चाहिए क्योंकि इसका ऑथराइजेशन PM और गृहमंत्री ही कर सकते हैं।


वहीं लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हमें न्यायिक जांच चाहिए। सरकार घोषणा करे कि न्यायिक जांच होगी। जो जासूसी किए हैं उसमें नई-नई चीजें उजागर हो रही हैं। इस हालात में क्या चर्चा करेंगे। वे आज चर्चा करेंगे कल एक दूसरा नाम आ जाएगा।

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी मौदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि, ''IT मंत्री ने सफाई नहीं दिया। पहले सदन में चर्चा होनी चाहिए। चर्चा के बाद अगर वे रिप्लाई देते, उसको स्टेटमेंट कहते हैं।'' कांग्रेस नेता ने कहा कि वे सभी चीजों को दबाना चाहते हैं और अलोकतांत्रिक तरीके से चलाना चाहते हैं।


कथित जासूसी मुद्दे ने मॉनसून सत्र की शुरुआत हंगामे के साथ की है। एक वैश्विक सहयोगी जांच परियोजना से पता चला है कि इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप्स के पेगासस स्पाइवेयर ने नरेंद्र मोदी सरकार में दो मंत्रियों, तीन विपक्षी नेताओं सहित भारत में 300 से अधिक मोबाइल फोन नंबरों को लक्षित किया है।

कांग्रेस ने सोमवार को सरकार पर 'देशद्रोह' का आरोप लगाया और शाह को पत्रकारों, न्यायाधीशों और राजनेताओं के फोन की जासूसी और हैकिंग के लिए जिम्मेदार ठहराया और जांच की मांग की।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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