सशस्त्र बल, वैज्ञानिकों पर सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं भारत के लोग, जानें डॉक्टरों और राजनेताओं के बारे में क्या है उनकी राय

सशस्त्र बल और वैज्ञानिक भारत में सबसे भरोसेमंद नागरिक के रूप में उभरे हैं, जबकि राजनेता और विज्ञापन अधिकारी सबसे कम भरोसेमंद हैं।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

सशस्त्र बल और वैज्ञानिक भारत में सबसे भरोसेमंद नागरिक के रूप में उभरे हैं, जबकि राजनेता और विज्ञापन अधिकारी सबसे कम भरोसेमंद हैं। इप्सोस ग्लोबल ट्रस्टवर्थनेस इंडेक्स 2021 के अनुसार, शहरी भारतीय सशस्त्र बलों (64 फीसदी) और वैज्ञानिकों (64 फीसदी) पर सबसे अधिक भरोसा करते हैं, जिसके बाद शिक्षकों (61 फीसदी) और डॉक्टरों (58 फीसदी) का नंबर आता है।

दिलचस्प बात यह है कि दो साल पहले भी सर्वेक्षण में सशस्त्र बलों को शीर्ष स्थान मिला था, अब एकमात्र बदलाव यह है कि कोरोना काल में वैज्ञानिकों के लिए लोगों का सम्मान बढ़ा है, जिन्होंने घातक वायरस के टीके खोजने के लिए काम किया।

सर्वेक्षण में कहा गया है कि जब हम वैश्विक नागरिकों की सबसे भरोसेमंद सूची को देखते हैं, तो वैश्विक भरोसेमंद सूचकांक 2021(ग्लोबल ट्रस्टवर्थनेस) में डॉक्टर (64 फीसदी) शीर्ष पर रहे, इसके बाद वैज्ञानिकों (61 फीसदी) और शिक्षकों (55 फीसदी) का स्थान रहा।

इप्सोस इंडिया के सीईओ अमित अदारकर ने कहा, "सशस्त्र बलों पर भारतीय भरोसा करते हैं और उनका सम्मान करते हैं, क्योंकि उनकी काम स्वयं से पहले बलिदान और सेवा के आसपास होता है। राष्ट्र के लिए उनके योगदान को अनुशासन और समर्पण द्वारा परिभाषित किया जाता है, क्योंकि वे हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं। इसी तरह, वैज्ञानिक भी कोरोना योद्धा रहे हैं, जिन्होंने ओवरटाइम काम करके कोरोनावायरस के लिए वैक्सीन खोजी है। वैज्ञानिकों को सशस्त्र बलों के बराबर रखा जा रहा है। शिक्षक और डॉक्टर, जिन्होंने भी महामारी के दौरान अपना योगदान दिया, उन्हें सूचकांक में तीसरे और चौथे स्थान पर रखा गया है।"


इप्सोस ने अपने ग्लोबल ट्रस्टवर्थनेस इंडेक्स 2021 के निष्कर्षों का अनावरण किया है, जो वैश्विक स्तर पर 19,570 उत्तरदाताओं के बीच 28 देशों का सर्वेक्षण है। वहीं अनट्रस्टवर्थीनेस इंडेक्स 2021 के अनुसार, लोग सबसे कम राजनेता, सरकार के मंत्री और विज्ञापन अधिकारी पर विश्वास करते हैं। निष्कर्ष 23 अप्रैल और 7 मई, 2021 के बीच किए गए इप्सोस ऑनलाइन सर्वेक्षण पर आधारित हैं।

सर्वेक्षण अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, चिली, चीन, कोलंबिया, फ्रांस, जर्मनी, ग्रेट ब्रिटेन, हंगरी, भारत, इटली, जापान, मलेशिया, मेक्सिको, नीदरलैंड, पेरू, पोलैंड, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, स्पेन, स्वीडन, तुर्की और अमेरिका में इप्सोस ऑनलाइन पैनल प्रणाली के माध्यम से दुनिया भर के 28 देशों में आयोजित किया गया था।


इस वर्ष के हेडलाइन इंडेक्स के परिणाम पूरे 28 देशों के नमूने पर आधारित हैं, जबकि सर्वेक्षण की पिछली लहरों को देखते हुए रुझान के परिणाम केवल उन 22 बाजारों पर केंद्रित हैं, जिन्होंने सर्वेक्षण की तीनों लहरों में विशेष रुप से प्रदर्शित किया है।

परिणामों में अधिकांश देशों में 16-74 आयु वर्ग के 19,570 वयस्कों और कनाडा, मलेशिया, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की और अमेरिका में 18-74 आयु वर्ग के वयस्कों का एक अंतर्राष्ट्रीय नमूना शामिल है।

आईएएनएस के इनपुट साथ

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