सामान के बदले सामान लेने-देने के दौर में लौटा बिहार, कोरोना और लॉकडाउन में जीने के लिए लोगों ने खोजा तरीका

लोग बताते हैं कि लॉकडाउन के कारण लोगों के पास नकद रुपये नहीं के बराबर हैं, जबकि रोजमर्रा के सामान खरीदना सभी लोगों की आवश्यकता है। और लोग सामान के लिए दूर बाजार जाने से भी परहेज कर रहे हैं। ऐसे में लोग गांव में ही एक-दूसरे से सामान ले-देकर कमा चला रहे हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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मनोज पाठक, IANS

कोरोना वायरस से बचने के लिए सरकारों द्वारा बिना पर्याप्त व्यवस्था के उठाए गए एहतियाती कदमों ने लोगों के रहन-सहन को प्रभावित किया है। ताजा हालात में कई लोगों की आम दिनचर्या बदल गई है तो कई लोगों के रहन-सहन में परिवर्तन देखा जा रहा है। इस संकट ने लोगों को जीवन में उपयोग होने वाली कई पुरानी परंपराओं या चलन की तरफ लौटने के लिए भी मजबूर कर दिया है।

कोरोना संकट और लॉकडाउन से पैदा हालात की वजह से एक बार फिर बिहार के गांवों में वस्तु-विनिमय यानी एक सामान के बदले दूसरा सामान लेने देने का दौर शुरू हो गया है। लोग गांव में ही एक दूसरे से जरूरत के सामान की अदला-बदली कर रहे हैं और बाहर जाने से बच रहे हैं। और गांव में ही अपनी आवश्यकता की चीजों की पूर्ति कर रहे हैं। संकट की इस घड़ी में पुरानी सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था फिर से जीवंत होते दिख रही है।

मुजफ्फरपुर के बागमती तटबंध उत्तरी और दक्षिणी के बीच बसे एक दर्जन गांवों में लोग इस लॉकडाउन में पूरी तरह इसी पुरानी पद्घति पर आश्रित हैं। सरहंचिया गांव के रहने वाले रामू राय कहते हैं, "अपने खेतों से लहसुन देकर इन दिनों अपने परिवार के लिए चावल की खरीद की है तो गांव के कई लोग दूध देकर आलू खरीद रहे हैं।" कई लोग गेहूं देकर रोजमर्रा के सामान खरीद रहे हैं।

यहां लोग बताते हैं कि इस पद्धति में वस्तुओं की कीमत के अनुसार उसका वजन तय होता है। बैगना गांव के रहने वाले विवेक ठाकुर कहते हैं, "इस दौर में लोगों के पास नकद रुपये नहीं के बराबर हैं, जबकि सामान सभी घरों की जरूरत है। रोजमर्रा के सामान खरीदना सभी लोगों की आवश्यकता है। लोग सामान खरीदने के लिए बाजार जाने से भी परहेज कर रहे हैं।"

तरबना गांव के लोगों की गृहस्थी भी फिलहाल इसी पद्धति के जरिये चल रही है। तरबना गांव के रहने वाले सब्जी उत्पादक भी सब्जी के बदले अनाज ही ले रहे हैं। कई किसान तो गोपालकों से उर्वरक के लिए गोबर भी वस्तु-विनिमय के तहत ही खरीदे हैं।

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