पीएम मोदी का ट्विटर अकाउंट हैक, हैकर ने की बिटक्वॉइन की मांग

पीएम मोदी के इस अकॉउंट पर करीब 25 लाख फॉलोवर है और उन्हें इस अकॉउंट पर गृह मंत्री अमित शाह समेत तमाम मंत्री और कई बड़ी हस्तियां फॉलो करती हैं। प्रधान मंत्री मोदी का यह अकॉउंट मई 2011 में बनाया गया था और यह उनका सबसे पुराना निजी ट्विटर अकॉउंट हैं।

पीएम मोदी
पीएम मोदी
user

नवजीवन डेस्क

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निजी वेबसाइट का ट्विटर अकाउंट हैक हो गया था, जिसे अब सही कर दिया गया है। ट्विटर ने अधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि की है। हैकर ने पीएम मोदी का अकाउंट हैक कर बिटकॉइन की मांग की थी।

पीएम मोदी का ट्विटर अकाउंट हैक, हैकर ने की बिटक्वॉइन की मांग

देश में साइबर सुरक्षा कितनी मजबूत है इस पर सवालिया निशान लगाते हुए एक हैकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निजी वेबसाइट नरेंद्र मोदी डॉट इन का ट्विटर अकाउंट हैक कर लिया। हैकर ने इस अकाउंट से कोरोना रिलीफ फंड के लिए डोनेशन की मांग बिटकॉइन में की थी। हालांकि तुरंत ही ये ट्वीट डिलीट कर दिए गए। हैकर ने पीएम के ट्विटर अकाउंट पर लिखा था कि, 'मैं आप लोगों से अपील करता हूं कि कोविड-19 के लिए बनाए गए पीएम मोदी रिलीफ फंड में डोनेट करें।'

इसी हैकर ने एक और संदेश लिखा कि यह अकाउंट जॉन विक ने हैक किया है। हमने पेटीएम मॉल हैक नहीं किया है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निजी वेबसाइट के ट्विटर अकाउंट पर 25 लाख से ज्यादा फॉलोवर्स हैं।

गुरुवार को ट्विटर ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निजी वेबसाइट के एक अकाउंट को कई ट्वीट्स के साथ हैक किया गया। ट्विटर ने कहा कि उसे मामले की जानकारी है और उसने खाते को सुरक्षित करने के लिए कदम उठाए हैं। ट्विटर प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा कि हम स्थिति की सक्रिय रूप से जांच कर रहे हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले पेटीएम मॉल के डेटा चोरी में भी जॉन विक ग्रुप नाम के हैकर का ही नाम आया था। साइबर सिक्योरिटी फर्म साइबल ने 30 अगस्त को दावा किया था कि जॉन विक ग्रुप ने पेटीएम मॉल का डेटा चोरी किया।

क्या है बिटक्वॉइन (क्रिप्टो करेंसी)?

हैकर्स ने जिस बिटक्वॉइन (क्रिप्टो करेंसी) की मांग की है वह है क्या? दरअसल क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी मुद्रा है जिसे डिजिटल माध्यम के रूप में निजी तौर पर जारी किया जाता है। यह क्रिप्टोग्राफी और ब्लॉकचेन जैसी डिस्ट्रीब्यूटर लेजर टेक्नोलॉजी (डीएलटी) के आधार पर काम करती है। सरल शब्दों में कहें तो ब्लॉकचेन एक ऐसा बहीखाता है जिसमें लेनदेन को ब्लॉक्स के रूप में दर्ज किया जाता है और क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल कर उन्हें लिंक कर दिया जाता है। क्रिप्टोग्राफी सूचनाओं को सहेजने और भेजने का ऐसा सुरक्षित तरीका है जिसमें कोड का इस्तेमाल किया जाता है और सिर्फ वही व्यक्ति उस सूचना को पढ़ सकता है जिसके लिए वह भेजी गई है। इसको खरीदने और बेचने के लिए किसी बैंक में जाने या किसी संस्था में जाने की जरुरत नहीं पड़ती है। इसके प्रयोग से बड़ी आसानी से पैसों को छुपाया जा सकता है।

सबसे पहले क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत 2009 में हुई थी जो बिटकॉइन थी। इसको जापान के सतोषी नाकमोतो नाम के एक इंजीनियर ने बनाया था। शुरुआत में यह उतनी प्रचलित नहीं थी, लेकिन रे-धीरे इसके रेट आसमान छूने लगे, जिससे यह सफल हो गई। बिटकॉइन के अलावा भी अन्य क्रिप्टो करेंसी बाजार में उपलब्ध हैं जिनका प्रयोग आजकल अधिक हो रहा है, जैसे- रेड कॉइन, सिया कॉइन, सिस्कोइन, वॉइस कॉइन और मोनरो।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia


Published: 03 Sep 2020, 8:31 AM
/* */