पहलगाम हमले और ट्रंप के दावों समेत गंभीर मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी संसद में जवाब दें: कांग्रेस
जयराम रमेश ने बताया कि संसद सत्र के दौरान विपक्ष सरकार से पहलगाम आतंकी हमले, मणिपुर हिंसा, चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण और विदेश नीति जैसे मुद्दों पर सरकार से सवाल पूछेगा। उम्मीद करते है कि स्वयं प्रधानमंत्री मानसून सत्र में गंभीर बहसों पर उत्तर दें।

संसद के मानसून सत्र की शुरुआत सोमवार से हो रही है। इससे पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। राज्यसभा सांसद और दिग्गज कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बताया कि संसद सत्र के दौरान विपक्ष सरकार से पहलगाम आतंकी हमले, जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने, मणिपुर हिंसा, चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण और विदेश नीति जैसे मुद्दों पर सरकार से सवाल पूछेगा। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा है कि स्वयं प्रधानमंत्री मानसून सत्र में गंभीर बहसों पर उत्तर दें।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा कि मोदी सरकार द्वारा आज बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में, मेरे सहयोगी गौरव गोगोई, जो लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता हैं, ने कांग्रेस की ओर से संसद में चर्चा के लिए कई मांगें रखीं, जिनमें पहलगाम, ऑपरेशन सिंदूर, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल, सीडीएस, उप सेना प्रमुख और राष्ट्रपति ट्रंप के बयान, वोटबंदी की कवायद जिससे बिहार, पश्चिम बंगाल, असम और अन्य राज्यों में बड़े पैमाने पर मताधिकार छिन जाएगा, साथ ही चुनाव आयोग की अन्य कार्रवाइयां जो चुनावी लोकतंत्र के लिए खतरा हैं, शामिल हैं।
इसके अलावा जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करना, लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा देना और मणिपुर (एक ऐसा राज्य जो अभी भी प्रधानमंत्री के दौरे का इंतजार कर रहा है) की स्थिति और इसके अलावा विशेष रूप से चीन के संबंध में विदेश नीति की चुनौतियां, पड़ोसी कूटनीति की विफलता, फिलिस्तीन पर नैतिक कायरता आदि पर सरकार से सवाल होगा।
उन्होंने इन बहसों पर स्वयं प्रधानमंत्री द्वारा उत्तर दिए जाने पर भी जोर दिया।
उल्लेखनीय है कि 21 जुलाई से संसद के मानसून सत्र की शुरुआत होने वाली है। मानसून सत्र से पहले केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि संसद की कार्यवाही अच्छे से चले, इसके लिए पक्ष और विपक्ष को मिलकर काम करना होगा। राजनीतिक दल अलग-अलग विचारधाराओं के हो सकते हैं, मगर सदन का अच्छी तरह चलना सभी की जिम्मेदारी है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए तैयार है।
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