सिक्किम एयरपोर्ट के उद्घाटन में पीएम की आंकड़ेबाज़ी, मजबूरी में खुद ही पूछना पड़ा, ‘समझ आया कि नहीं...’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सिक्किम एयरपोर्ट देश को समर्पित किया। लेकिन इस मौके पर अपने भाषण में गलत तथ्य पेशकर अपनी सरकार की जिस तरह पीठ थपथपाई उससे पूरा देश अचंभित है। जब लोगों ने पीएम द्वारा पेश आंकड़ों पर सिर खुजाया तो खुद ही पूछा, ‘समझ आया कि नहीं’

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

केंद्र की मोदी सरकार की बीते करीब 52 महीने से आदत रही है कि पिछली सरकारों के काम को अपना बनाकर दिखाना, योजनाओं के नाम बदलकर उन्हें नई योजना बताना, पुरानी योजनाओं को नया चोला पहनाकर वाहवाही लूटना, और सबसे बढ़कर तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर पिछली सरकारों को कोसना की बीते 70 साल में तो देश में कुछ हुआ ही नहीं।

ऐसा ही सोमवार को एक बार हुआ। और इस बार अगुवा रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। सिक्किम हवाई अड्डे को देश को समर्पित करते वक्त पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि, “देश ने आज हवाई अड्डों की सेंचुरी मार दी, क्योंकि सिक्किम एयरपोर्ट देश का 100वां हवाई अड्डा है।” यहां तक तो बात ठीक थी। लेकिन पीएम यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि, “इन 100 हवाई अड्डों में से 35 अकेले बीते चार साल में चालू हुए हैं।” पीएम ने आगे कहा, “आज़ादी के बाद से 2014 तक सिर्फ 65 हवाई अड्डे बनाए गए, यानी औसतन एक हवाई अड्डा ही हर साल बना।” पीएम बोले, “बीते चार साल के दौरान हर साल औसतन 9 हवाई अड्डे तैयार किए गए हैं।”

प्रधानमंत्री ने यहां तथ्यों को अपने हिसाब से ट्विस्ट करके पेश कर दिया। लेकिन तथ्य और सच्चाई कुछ और ही है। रिकॉर्ड बताते हैं कि वह सभी 35 हवाई अड्डे जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते 4 साल में बना बता रहे हैं, उन सभी के बनने का काम कांग्रेस की अगुवाई वाले यूपीए शासन के दौरान हुआ। यह भी तथ्य है कि हवाई अड्डा बनाने का काम कितना टेढ़ा होता है, क्योंकि हवाई अड्डे के लिए भूमि अधिग्रहण में समय लगता है।

लेकिन, प्रधानमंत्री अपनी उपलब्धियां गिनाते समय ऐसे ऐसे आंकड़े पेश कर रहें जो गले से नीचे नहीं उतरते। उन्होंने कहा कि, “बीते 70 साल में सिर्फ 400 हवाई जहाज़ ही मंगाए गए, जबकि हवाई कंपनियों ने अकेले पिछले एक साल में 1000 विमानों के ऑर्डर दिए हैं।”

आलोचकों का कहना है कि वह दिन दूर नहीं जब प्रधानमंत्री कहेंगे कि 1948 में तो एक भी मोबाइल फोन नहीं था और आज सिर्फ उनकी सरकार के कारण हर किसी के पास मोबाइल फोन है। उनके मुताबिक जब हवाई किराए कम हुए हैं और हवाई सफर करना सस्ता हुआ है तो विमान से सफर करने वालों की तादाद बढ़ रही है और कंपनियों को जरूरत के हिसाब से नए विमान खरीदना पड़ रहे हैं। नए विमान खरीदने के पीछे तकनीक का आधुनिकीकरण भी है।

लगता है प्रधानमंत्री को तथ्य उपलब्ध कराने वाली टीम कुछ ज्यादा ही जल्दबाज़ी में रहती है, क्योंकि तथ्यों को लेकर इंटरनेट और गूगल के दौर में आप ज्यादा देर तक लोगों को मूर्ख नहीं बना सकते।

प्रधानमंत्री की 35 हवाई अड्डो वाली इस आंकड़ेबाज़ी से लोग इतने उकताए से दिख रहे थे कि उन्हें कहना पड़ा, “समझ आया कि नहीं।” वैसे भी इस जनसभा में बहुत ज्यादा भीड़ नहीं जुट पाई थी और स्कूली बच्चों को इस कार्यक्रम में लाया गया था। जनसभा में जो भी भीड़ थी उनमें स्थानीय लोग न के बराबर थे और जो स्थानीय थे वे आम लोग नहीं थे।

मोदी की बाज़ीगरी को लेकर आलोचक सही ही कहते हैं कि अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए ही प्रधानमंत्री बीते 70 साल के शासन की भर्त्सना करते रहते हैं। हालांकि आज वे जिन सुविधाओं का खुद इस्तेमाल कर रहे हैं वे बीते 70 साल में ही हुई हैं।

सिक्क्मि के जिस पाकयोगं हवाई अड्डे का मोदी ने सोमवार को उद्घाटन किया वह समुद्र तल से 4500 फुट ऊंचाई पर बना है और इसके बनने में करीब 600 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इसके लिए 990 एकड़ जमीन इस्तेमाल की गई है। यह एयरपोर्ट सिक्किम की राजधानी गैंगटॉक से 33 किलोमीटर दूर है। पहले गैंगटॉक जाने के लिए पर्यटकों को पश्चिम बंगाल के बागडोगरा हवाई अड्डे का इस्तेमाल करना पड़ता था जो गैंगटॉक से 124 किलोमीटर क दूरी पर है। इस हवाई अड्डे से 4 अक्टूबर से उड़ानें शुरु हो जाएंगी।

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