पीएम की 'वैक्सीन गुरु' बनने की लालसा के चलते बेकाबू हो गई महामारी, कांग्रेस ने सरकार से पूछे तीखे सवाल

कांग्रेस ने कोरोना महामारी बेकाबू होने के लिए केंद्र की मोदी सरकार को पूरी तरह जिम्मेदार बताया है। कांग्रेस ने कहा है कि पीएम वैक्सीन गुरु बनना चाहते थे, इसलिए देश में आज हालात इतने बदतर हैं।

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

मोदी सरकार के कोविड महामारी से निपटने के तरीके पर हमला करते हुए कांग्रेस ने वैक्सीन नीति को भी गलत बताते हुए कहा कि गड़बड़ी इसलिए पैदा हुई क्योंकि प्रधानमंत्री 'वैक्सीन गुरु' बनना चाहते थे। रविवार को वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, "भारत सरकार ने कोविड संकट को ठीक से नहीं संभाला। जब वैक्सीन निमार्ताओं के साथ बातचीत की बात आई, जब वैक्सीन नीति बनाने की बात आई, तो सब कुछ केंद्रीकृत था।" पवन खेड़ा ने कहा कि दरअसल यह केंद्रीकृत भी नहीं था, यह व्यक्तिगत था, क्योंकि कोई 'वैक्सीन गुरु' बनना चाहता था। नरेंद्र मोदी 'वैक्सीन गुरु' के रूप में जाना जाना चाहते थे।

उन्होंने कहा कि भारत में ऑक्सीजन की कमी नहीं है, लेकिन सरकार ने 14 राज्यों में 162 ऑनसाइट ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना में 8 महीने की देरी की । जब संकट गहराया, तो राज्य सरकारों को दोषी ठहराया गया। आठ चरणों वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव, सुपर-स्प्रेडर रैलियों और कुंभ मेले का हवाला देते हुए, पवन खेड़ा ने कहा कि "सरकार के फैसलों पर सवाल पूछे जा रहे थे। आपके पास केंद्रीकृत निर्णय लेने और विकेंद्रीकृत जिम्मेदारी नहीं हो सकती है। दोनों को विकेंद्रीकृत करना होगा। दोनों को एक-दूसरे के साथ तालमेल बिठाना होगा।"

उन्होंने सवाल किया आज, आपकी वजह से, अलग-अलग राज्य अपने लोगों के लिए एक ही कंपनियों, वैक्सीन निमार्ताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं। उन सभी को अलग-अलग कीमत मिलेगी .. क्यों? इन सवालों का भी जवाब कौन देगा?


पवन खेड़ा ने कहा कि, "जब आपको विपक्ष के नेता राहुल गांधी जी, एक्सपर्ट अलग-अलग, राहुल गांधी जी भी एक्सपर्ट से बात करके ही आपको बता रहे थे। तो जब राहुल गांधी जी एक्सपर्ट से बात करके आपको बता सकते थे, आगाह कर सकते थे, तो क्या आप एक्सपर्ट से बात नहीं कर थे या आप अपने आपको उनसे भी बड़ा एक्सपर्ट समझते थे?" कांग्रेस नेता ने कहा कि, "जब सब आपको बता रहे थे कि एस सुनामी आने वाली है, आप जनवरी में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में अपनी पीठ थपथपा रहे थे कि देखिए लोग कह रहे थे कि सुनामी आने वाला है, कहाँ है सूनामी। सवाल आपसे नहीं पूछेंगे तो किससे पूछेंगे?"

उन्होंने कहा कि, "आज जो जिंदा है, वो जिंदा रहने के लिए वैक्सीन के इंतजार में है। जो मर गए हैं, वो अंत्येष्टि के इंतजार में हैं। लाशें नदियों में बहा दी जा रही हैं। नदियों के किनारे पर गाड़ दी जा रही हैं और आप कहते हैं सवाल ना पूछें।" उन्होंने कहा कि, "इतिहास याद रखेगा प्रधानमंत्री जी कि जब ये मीडिया के बहादुर सिपाही ऐसे खतरनाक स्थानों पर जाकर, अस्पतालों में जाकर, शमशान घाटों में जाकर, कब्रिस्तानों में जाकर रिपोर्ट कर रहे थे। ऑक्सीजन की कमी बताने के लिए अस्पतालों के बाहर खड़े हो रहे थे, रात-रात भर खड़े हो रहे थे। ये लोगों की जान बचाने के लिए काम कर रहे थे। कांग्रेस के हमारी निडर सिपाही पूरे-पूरे 24 घंटे एक आवाज पर ऑक्सीजन लेकर पहुंच जाते थे, आज भी कर रहे हैं, पूरे देश में कर रहे हैं। जब ये सब लोग, लोगों की जान बचाने के लिए मेहनत कर रहे थे, तब आप और आपकी सरकार, सरकार के 300 आला अधिकारी, मंत्री मिलकर आपकी नकली छवि बचाने का प्रयास कर रहे थे। इतिहास भूलेगा नहीं और सवाल आपसे फिर भी पूछेगा।"


पवन खेड़ा ने विदेशों से आ रही मदद के वितरण पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि, "एयरपोर्ट पर दिनों – दिनों पड़ी। किसको बांट रहे हैं, कब बांट रहे हैं, किस राज्य को कितना भेज रहे हैं, कोई जवाब नहीं। और दिल्ली, हद हो गई है इस बात की, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मणिपुर, अलग-अलग स्थानों से रिपोर्ट आ रही है, गिरफ्तारियां हो रही हैं, एफआईआर हो रही हैं। क्यों – क्योंकि लोग आपसे सवाल पूछ रहे हैं। सिर्फ ये सवाल पूछने पर कि मेरी वैक्सीन आपने विदेशों में क्यों बेच दी, मेरे बच्चों के लिए जो वैक्सीन थी, वो आपने विदेशों में क्यों भेज दी? एफआईआर हो रही है, गिरफ्तारियां हो रही हैं।"

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