दाती मदन महाराज जैसे रेप के आरोपी बाबाओं पर राजनीतिक वरदहस्त

जिस तरह से गुरमीत राम-रहीम और आसाराम बापू, बीजेपी के बेहद करीब थे, उसी तरह से दाती महाराज उर्फ मदन बीजेपी के खासे करीब माने जाते हैं। मदन उर्फ दाती महाराज दिल्ली से लेकर राजस्थान और मध्य प्रदेश तक बीजेपी सरकारों के कार्यक्रमों में शिरकत करते थे।

फोटो : सोशल मीडिया
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भाषा सिंह

गुरमीत राम रहीम, आसाराम बापू और अब दाती मदन महाराज, और भी इस तरह के अनगिनत स्वयंभू महाराज और स्वामियों की फेहरिस्त लंबी है, जिन पर महिलाओं के यौन शोषण से लेकर तमाम अन्य आरोप लगे। इन तमाम स्वयंभू स्वामियों और महाराजों में एक समानता है और वह यह कि सबको भरपूर राजनीतिक वरदहस्त हासिल रहा है। दाती महाराज सहित सभी स्वामियों की फोटो शीर्ष नेताओं, मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों के साथ मिलती हैं।

बलात्कार के आरोप के बाद राजस्थान के पाली में अपने दूसरे आश्रम में छिपे दाती महाराज के उद्भव की भी यही कहानी है। अभी कुछ ही दिन पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की कमान में चल रहे अभियान ‘संपर्क फॉर समर्थन’ के तहत दिल्ली के छतरपुर में बने शनिधाम में हुई मुलाकातों की चर्चा भी बहुत गरम है। आखिर 2019 के आम चुनावों से पहले बीजेपी समर्थन के लिए इस महाराज के पास भी जा पहुंची थी, इससे भी राजनीति के स्तर का अंदाजा होता है। दाती को राज्यसभा भेजे जाने की चर्चा भी पिछले कुछ समय से संसद के गलियारों में चल रही थी।

बीजेपी के ‘संपर्क फॉर समर्थन’ अभियान के तहत बीजेपी महासचिव राम लाल ने दाती महाराज से मुलाकात के बारे में अपने फेसबुक पर लिखा था, ‘महामंडलेश्वर शनिधाम परमहंस दाती जी महाराज को केंद्र सरकार की विगत चार वर्षों की उपलब्धियों वाली बुकलेट भेंट की। उन्होंने आशीर्वाद स्वरूप कहा, मोदी जी ने बेटी बचाओ व स्वच्छता के लिए अद्भुत कार्य किया है।’

धर्म की आड़ में अपना साम्राज्य बनाने वाले इस तरह के स्वयंभू महाराजों को किस तरह से पुलिस प्रशासन बचाता है, इसकी ताज़ा मिसाल है दाती मदन महाराज। शुरू में पूरी कोशिश होती है कि किसी तरह से आरोपी को बचाव का मौका दिया जाए। दिल्ली पुलिस में 10 जून को उनके ऊपर बलात्कार का मामला दर्ज किया गया, आईपीसी की धारा 376, 377, 354 और 34 के तहत केस दर्ज किया, लुकआउट नोटिस भी जारी होचुका है, लेकिन अभी तक उसे गिरफ्तार नहीं किया गया है। वह एक के बाद एक टीवी न्यूज चैनल को इंटरव्यू दे रहे हैं और अपने पक्ष में माहौल बना रहे हैं। जबकि पीड़िता ने उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं और बताया है कि किस तरह से दिल्ली और राजस्थान में दाती और उनके चेलों ने बलात्कार किया।

पीड़िता ने 10 जून को एफआईआर दर्ज कराई और 18 जून तक मामले में पुलिस ने कोई तेजी नहीं दिखाई। इसी बीच यह भी खबरें आ रही हैं कि दाती के आश्रम में रहने वाली तकरीबन 600 बच्चियों पर भी संकट है। वैसे भी पीड़िता ने साफ-साफ कहा है कि अनेकों-अनेक महिलाएं हैं, जिनका यौन शोषण हुआ है, लेकिन वह डर के मारे नहीं बोल रही हैं।

सोशल मीडिया पर दाती महाराज की करीब दो महीने पहले बीजेपी अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मुलाकातों की खबर भी खूब चल रही है। इसके अलावा, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मुलाकात की फोटो और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसंधरा राजे के साथ बेटी बचाओ-बेट पढ़ाओ कार्यक्रम में शिरकत की खबरें भी दोबारा वायरल हो रही हैं।

जिस तरह से गुरमीत राम-रहीम और आसाराम बापू, बीजेपी के बेहद करीब थे, उसी तरह से दाती महाराज उर्फ मदन बीजेपी के खासे करीब माने जाते हैं। मदन उर्फ दाती महाराज खुद को मोदी सरकार के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का स्वयंभू प्रचारक बताते रहे हैं, और इसी क्रम में दिल्ली से लेकर राजस्थान और मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकार के कार्यक्रमों में शिरकत करते थे।

फोटो : सोशल मीडिया
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केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन राठौर और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ दाती मदन महाराज

राजस्थान के रहने वाले मदन उर्फ दाती महाराज ने चाय बेचने से लेकर कैटरिंग तक का बिजनेस किया और उसके बाद 1996 में राजस्थान में किसी ज्योतिषी से ज्योतिष सीख अपना भविष्य चमकाया। दिल्ली में फतेहपुर बेरी में शनि मंदिर, आश्रम और ट्रस्ट खोला। हरिद्वार महाकुंभ में महामंडलेश्वर की उपाधि के बाद मदन उर्फ दाती महाराज का राजनीतिक गलियारों में दबदबा बढ़ गया। टीवी चैनल पर इसका ज्योतिषि पर कार्यक्रम आने लगा और साम्राज्य पसरने लगा। बलात्कार के मामले में केस दर्ज होने के बाद सोशल मीडिया पर दाती महाराज की दो फोटो खूब वायरल हो रही हैं—शिवराज सिंह चौहान औऱ आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ। इनके अलावा जिन नेताओं के साथ उनकी नजदीकियां रही हैं, उनमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर और उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का नाम प्रमुख है।

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