जयप्रकाश नारायण जयंती पर लखनऊ में सियासी हलचल, अखिलेश यादव के JPNIC पहुंचने से पहले सुरक्षा कड़ी
जेपीएनआईसी के बाहर पुलिस बल की भारी तैनाती की गई है और पूरे इलाके में बैरिकेडिंग कर दी गई है। खबर है कि कुछ रास्तों को बैरियर लगाकर बंद भी कर दिया गया है, ताकि किसी तरह की भीड़ या विरोध प्रदर्शन की स्थिति न बने।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर सियासत फिर गरमा गई है। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आज जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) में स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने जा सकते हैं। इसी को देखते हुए प्रशासन ने पहले से ही कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं।
जेपीएनआईसी के बाहर पुलिस बल की भारी तैनाती की गई है और पूरे इलाके में बैरिकेडिंग कर दी गई है। खबर है कि कुछ रास्तों को बैरियर लगाकर बंद भी कर दिया गया है, ताकि किसी तरह की भीड़ या विरोध प्रदर्शन की स्थिति न बने।
पिछले साल भी हुआ था हंगामा
पिछले साल भी अखिलेश यादव जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया था। तब अखिलेश यादव ने बैरिकेड कूदकर अंदर प्रवेश किया था और माल्यार्पण किया था। उस दौरान वहां काफी हंगामा और धक्का-मुक्की भी हुई थी। इसी वजह से इस बार पुलिस पहले से सतर्क है और किसी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए पूरे क्षेत्र को सुरक्षा घेरे में ले लिया गया है।
अखिलेश यादव ने दी श्रद्धांजलि
अखिलेश यादव ने आज सोशल मीडिया पर लोकनायक जयप्रकाश नारायण की एक प्रसिद्ध पंक्ति साझा की और उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा, "सम्पूर्ण क्रांति से मेरा तात्पर्य समाज के सबसे अधिक दबे-कुचले व्यक्ति को सत्ता के शिखर पर देखना है- लोकनायक जयप्रकाश नारायण।"
इस पोस्ट के जरिए अखिलेश यादव ने अपने समर्थकों को जेपी के विचारों से जोड़ने और सामाजिक समानता के संदेश को दोहराने की कोशिश की है।
देर रात SP छात्र सभा ने किया चुपके से माल्यार्पण
इस बीच, प्रशासन की तमाम तैयारियों के बावजूद समाजवादी पार्टी छात्र सभा ने देर रात ही जेपीएनआईसी में पहुंचकर जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दिया।
खबरों के मुताबिक, छात्र सभा के अध्यक्ष विनीत कुशवाहा और प्रदेश उपाध्यक्ष अमर यादव रात करीब 2 बजे वहां पहुंचे। उन्होंने प्रतिमा के आसपास सफाई की और सुबह 6 बजे श्रद्धांजलि दी।
माल्यार्पण की तस्वीर खुद अखिलेश यादव ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में साझा की है। बताया जा रहा है कि छात्र सभा के सदस्य पुलिस की नजरों से बचकर आए और बिना किसी टकराव के वापस लौट गए।
प्रशासन की सख्ती पार्टी नाराज
समाजवादी पार्टी के नेताओं का कहना है कि जयप्रकाश नारायण की जयंती पर श्रद्धांजलि देने से रोकना लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है। वहीं, पुलिस का कहना है कि सुरक्षा कारणों से यह कदम उठाए गए हैं, ताकि किसी भी प्रकार का राजनीतिक टकराव या भीड़भाड़ की स्थिति न बने।