महादेव ऐप पर सियासी तांडव: चुनाव आयोग से शिकायत करेगी कांग्रेस, बघेल ने कहा- बीजेपी का फूट गया भांडा

महादेव ऐप मामले पर शुरु हुई सियासी उठापटक में कांग्रेस ने कहा है कि वह इस बाबत चुनाव आयोग से शिकायत करेगी। उधर पूरे मामले पर छत्तीसगढ़ सीएम ने कहा है कि सारे घटनाक्रम ने बीजेपी का भांडा फोड़ दिया है।

24 अगस्त को दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस करते छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (फोटो - Getty Images)
24 अगस्त को दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस करते छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (फोटो - Getty Images)
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नवजीवन डेस्क

आप क्रोनोलॉजी समझिए....रविवार 5 नवंबर को केंद्र सरकार ने 21 सट्टेबाजी ऐप पर पाबंदी लगा दी। इनमें महादेव ऐप भी है। यह पाबंदी इंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट – ईडी के आग्रह पर लगाई गई है।

इसी दिन यानी रविवार को ही संसाधनों से भरपूर भारतीय जनता पार्टी – बीजेपी के अधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से एक वीडियो शेयर किया जाता है, जिसमें खुद को शुभम सोनी बताकर महादेव ऐप का मालिक बताने वाला एक शख्स दुबई में बैठकर आरोप लगा रहा है कि उसने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अब तक 5.8 करोड़ रुपए दिए हैं। उसका दावा है कि वह 2020 में भूपेश बघेल की सलाह पर ही दुबई  शिफ्ट हो गया था। इसे शुभम सोनी का इकरारनामा माना जा रहा है।

इस ऊंटपटांग से दिखने वाले शख्स का दावा है कि महादेव ऐप उसने तैयार किया है, लेकिन रवि उप्पल और सौरव चंद्राकर नाम के दो लोग उससे ज्यादा मशहूर हो गए, यह अच्छी बात नहीं है। वह बताता है कि मूल रूप से भिलाई के रहने वाले उप्पल और चंद्राकर से उसकी मुलाकात पहली बार दुबई में ही हुई थी। वह बताता है कि ये दोनों दुबई में कंस्ट्रक्शन का काम करते थे। लेकिन फिर वह बताता है कि उसने इन दोनों को अपने सहयोगी के तौर पर नौकरी पर रख लिया।

इस सिलसिले में कांग्रेस सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि ऐन चुनावों के बीच सामने आए इस मामले की वह चुनाव आयोग से शिकायत करेगी।

इस वीडियो को लेकर तमाम तरह के दावे-प्रतिदावे सामने आने लगे। जहां बीजेपी और उनके ट्रॉल ने इस वीडियो को बड़े पैमाने पर शेयर करना शुरु किया, वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी तुरंत इस पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि दरअसल छत्तीसगढ़ पुलिस काफी दिनो यानी बीते साल से महादेव ऐप घोटाले की जांच कर रही है। इस सिलसिले में उनकी सरकार ने 72 एफआईआर दर्जकी हैं, स्कैम से जुड़े 450 लोगों को गिरफ्तार किया है और इस ऐप पर पाबंदी लगाने की मांग करते हुए केंद्र सरकार को लिखा है कि उप्पल और चंद्राकर के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया जाए। उन्होंने कहा है कि वे नहीं जानते कि यह शुभम सोनी नाम का शख्स कौन है, हो सकता है कि वह उनकी किसी जनसभा में मौजूद रहा हो।


बघेल ने आगे कहा कि उन्होंने इसी साल 24 अगस्त को दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर आरोप लगाया था कि केंद्रीय एजेंसियां उनकी सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में इनकम टैक्स विभाग, ईडी आदि एजेंसियों ने कम से कम 200 छापे मारे हैं, और ऐसी आशंका है कि आने वाले दिनों में और भी छापेमारी की जाएगी।

बघेल की इस प्रेस कांफ्रेंस के वीडियो को कांग्रेस सांसद और कम्यूनिकेशन इंचार्ज जयराम रमेश ने शेयर किया है। इस वीडियो में बघेल बता रहे हैं कि कैसे बीते चार साल के दौरान केंद्रीय एजेंसियों ने उनकी सरकार पर शराब स्कैम, कोल स्कैम, धान खरीद स्कैम और महादेव स्कैम के आरोप लगाए हैं।

भूपेश बघेल ने तो इस मामले में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को खुली बहस की चुनौती भी दी है।

इन सभी आरोपों में एक समानता यह है कि शराब स्कैम में उस निर्माता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई जिस पर नकली होलोग्राम इस्तेमाल करने का आरोप था, या गैरकानूनी खनन करने वाले किसी व्यक्ति पर कोई कार्रवाई हुई जिसे आरोपी के तौर पर नामजद किया गया था। इसी तरह राइस मिलों पर इनकम टैक्स विभाग ने छापे मारे, लेकिन कुछ सामने नहीं आया। कुछ मामलों में ईडी और इनकम टैक्स विभाग ने हाईकोर्ट को बताया कि केसों की जांच सीबीआई करेगी, और एक तरह से माना कि न तो ईडी और न ही इनकम टैक्स विभाग के हाथ कुछ लगा है।

सोमवार को भी बघेल ने केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर के उस बयान पर हैरत जताई, जिसमें मंत्री ने कहा था कि राज्य सरकार खुद ही ऐप पर बैन लगा सकती थी। बघेल ने कहा कि, “मैं कब से चिल्ला रहा हूं और केंद्र सरकार को इस बारे में लिखा भी है। मैंने तो यहां तक कहा कि आखिर केंद्र सरकार ऐप पर पाबंदी क्यों नहीं लगा रही है। तो क्या बीजेपी नेता सो रहे थे, या फिर उनकी ऐप प्रोमोटर के साथ डील हो गई है।”


जिन दो लोगों को ईडी ने अभी तक गिरफ्तार किया है उनके संदर्भ में बघले ने कटाक्ष करते हुए कहा  इन लोगों के तो बीजेपी नेताओं के साथ तमाम फोटोग्राफ सामने आ रहे हैं, यहां तक कि जिस कार को इन लोगों ने इस्तेमाल किया वह भी बिलासपुर के एक नेता की थी।

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