गरीबों ने पीएम चुना था, पर मोदीजी ने उन्हीं के खिलाफ कानून बना दिए, खट्टर सरकार के साथ रहे विधायक का बड़ा आरोप

चरखी-दादरी से विधायक सोमवीर सांगवान ऐसे दूसरे खट्टर सरकार समर्थक विधायक हैं, जिन्होंने किसानों के समर्थन में चेयरमैन का पद छोड़ा है। चंद दिनों पहले उन्होंंने हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीेफा देते हुए सरकार से समर्थन भी वापस ले लिया है।

फोटोः सोशल मीडिया
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धीरेंद्र अवस्थी

हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार को चंद दिनों पहले तक समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान एक बार फिर राज्य की बीजेपी सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा, “तकरीबन 38 दिन से किसान बैठे हैं और सरकार ने मूंछ का सवाल बना रखा है। उद्योगपति किसानों की जमीन हड़पना चाहते हैं। मोदी जी को लोगों ने गरीब मानकर देश का प्रधानमंत्री चुना था, लेकिन उन्होंने गरीब की ही नाल काट कर यह कानून बना दिए।”

चरखी-दादरी से विधायक सोमवीर सांगवान ऐसे दूसरे सरकार समर्थक विधायक हैं, जिन्होंने किसानों के समर्थन में चेयरमैन का पद छोड़ दिया। चंद दिनों पहले ही उन्होंंने हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड के चेयरमैन पद से इस्तीेफा देते हुए सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान कर दिया है। चंडीगढ़ में शनिवार को एक बार फिर सोमवीर सांगवान खट्टर सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि जिस सरकार में किसानों से भेदभाव हो, उस सरकार को समर्थन देना पाप है।

केंद्र के तीनों कृषि कानून बनाने के पीछे के असली खेल को उजागर करते हुए उन्होंने कहा कि रिलायंस ने गुरुग्राम में 4500 एकड़ जमीन अधिग्रहित की है। कोरोना काल में अडाणी को हरियाणा में बड़े पैमाने पर जमीन देने के सवाल पर सांगवान ने कहा कि यह सिर्फ हरियाणा में ही नहीं हुआ है बल्कि देश के कई राज्यों में अडाणी को जमीनें दी गई हैं। उद्योगपतियों की मंशा किसानों की जमीन हड़पने की है। उन्होंंने कहा कि पहले तीनों कानून रद्द हों फिर अंबानी और अडाणी को जमीन देने का मुद्दा भी उठाएंगे।

सोमवीर ‘सांगवान’ खाप के प्रधान भी हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा की सभी खापें तन-मन-धन से किसानों के साथ खड़ी हैं। सोमवीर सांगवान सरकार को समर्थन दे रहे 6 निर्दलीय विधायकों की पंचकूला में हुई गुपचुप बैठक में शामिल थे। उन्होंने कहा कि इस बैठक में सरकार से समर्थन वापसी पर भी बात हुई थी। किसानों के मुद्दे पर बैठक में शामिल सभी विधायक एकमत थे, जिसके बाद चार विधायकों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात भी की थी। मैंने सीएम से मिलने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि अब सरकार को कभी समर्थन नहीं दूंगा। यदि खट्टर सरकार मंत्री पद का भी ऑफर देती है तो भी साथ नहीं जाऊंगा।

सांगवान ने किसानों के मुद्दे से भटकाने के लिए एसवाईएल नहर का मुद्दा उठाने की सरकार की कोशिशों को हरियाणा का भाईचारा खराब करने का प्रयास बताया। किसानों के समर्थन में सोमवीर सांगवान से पहले बरवाला से जेजेपी विधायक जोगीराम सिहाग चैयरमैन का पद अस्वीाकार कर चुके हैं। किसानों के इस अभूतपूर्व आंदोलन के लंबा खिंचने के साथ ही सरकार समर्थित काफी विधायकों में असमंजस की स्थिति है। इनमें से कुछ विधायक तो खुलकर सामने आ रहे हैं, जबकि कुछ ‘क्या करें-क्या न करें’ वाली स्थिति में हैं। सोमवीर सांगवान ने पिछला चुनाव बीजेपी से बागी होकर निर्दलीय लड़ा था और बबीता फौगाट जैसी बीजेपी की स्टार प्रत्याशी को हराया था।

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