दिवाली के बाद दिल्ली-NCR में आज भी बुरा हाल, वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' स्तर पर पहुंची, घुट रहा है दम

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों को घर के अंदर रहने की सलाह दी है। जरूरत पड़ने पर बाहर निकलें तो N95 मास्क का उपयोग करें।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

दीपावली के बाद दिल्ली-एनसीआर में सांस लेना मुश्किल हो गया है। त्योहार के बाद राजधानी की हवा इतनी खराब हो गई कि बुधवार सुबह पूरे इलाके पर धुंध की मोटी चादर छा गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, सुबह 5:30 बजे दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 345 दर्ज किया गया, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है।

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक

  • सीपीसीबी के अनुसार, मंगलवार को राजधानी का 24 घंटे का औसत AQI 351 दर्ज किया गया, जो सोमवार के 345 से भी अधिक था।

  • वहीं, PM 2.5 कणों का औसत स्तर 488 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा, जो सुरक्षित सीमा से कई गुना ज्यादा है।

  • डॉक्टरों का कहना है कि इस प्रदूषण के कारण लोगों में सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन, खांसी, फ्लू और जोड़ों के दर्द जैसी शिकायतें बढ़ रही हैं।


एनसीआर की हवा भी हुई खराब

नोएडा और ग्रेटर नोएडा की स्थिति भी बेहतर नहीं है। दीपावली की रात हुई आतिशबाजी के बाद यहां भी हवा जहरीली हो गई है।

बुधवार सुबह नोएडा और ग्रेटर नोएडा में AQI 300 के पार पहुंच गया-

  • नोएडा सेक्टर-62 : 290,

  • नोएडा सेक्टर-116 : 350,

  • ग्रेटर नोएडा नॉलेज पार्क-5 : 265,

  • नॉलेज पार्क-3 : 266।

इन इलाकों में सुबह से धुएं की चादर छाई रही। लोग घरों से कम निकल रहे हैं और जो निकल रहे हैं, वे मास्क लगाकर जा रहे हैं।

हर साल यही हाल

दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता में गिरावट कोई नई बात नहीं है। हर साल सर्दियों की शुरुआत में राजधानी घने स्मॉग की चपेट में आ जाती है। इस बार भी दीपावली के तुरंत बाद हवा में प्रदूषक कणों की मात्रा बढ़ गई।

सुप्रीम कोर्ट की ओर से पटाखों पर पाबंदी और तय समय सीमा के बावजूद, दिल्ली और एनसीआर के कई इलाकों में लोगों ने नियमों की अनदेखी की और रातभर आतिशबाजी की। इसके चलते मंगलवार को कई इलाकों में AQI 500 से ऊपर पहुंच गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।


मौसम विभाग की भविष्यवाणी

  • मौसम विभाग का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक यह स्थिति जारी रह सकती है।

  • हवा की रफ्तार धीमी और तापमान में गिरावट के कारण प्रदूषण की परतें ऊपर नहीं उठ पा रही हैं।

  • हालांकि, बंगाल की खाड़ी में बन रहे निम्न दबाव क्षेत्र से 25 अक्टूबर के आसपास हल्की बारिश की संभावना जताई गई है, जिससे प्रदूषण में कुछ कमी आ सकती है।

विशेषज्ञों ने दी चेतावनी

  • स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों को घर के अंदर रहने की सलाह दी है। जरूरत पड़ने पर बाहर निकलें तो N95 मास्क का उपयोग करें।

  • विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस स्तर का प्रदूषण बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा मरीजों के लिए बेहद जोखिम भरा हो सकता है।

  • जो लोग ऑफिस या स्कूल जा रहे हैं, उन्हें मास्क लगाना और पानी का ज्यादा सेवन करना चाहिए।

  • डॉक्टरों का कहना है कि मौजूदा स्थिति में प्रदूषक कण सीधे फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं और लंबे समय में इससे सांस और हृदय रोग बढ़ने का खतरा है।

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