अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने की तैयारी शुरू, मुहूर्त देखकर 2020 से शुरू होगा मंदिर का निर्माण!

सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अयोध्या भूमि विवाद पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। कोर्ट नेअपने फैसले में तय कर दिया कि अयोध्या में विवादित जगह पर मंदिर बनेगा और इस कामको केंद्र सरकार एक ट्रस्ट बनाकर करेगी।

फोटो: सोशल मीडिया
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आईएएनएस

अयोध्या में राम मंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट की ओर से फैसला देने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सूत्रों का कहना है कि अगले साल 2020 से निर्माण शुरू हो जाएगा। इसके लिए शुभ घड़ी (मुहूर्त) देखी जाएगी। इस समय जिस जगह चबूतरे पर रामलला विराजमान हैं, वहीं बनने जा रहे मंदिर का गर्भगृह होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, ट्रस्ट के जरिए अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होना है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से तीन महीने के भीतर ट्रस्ट गठित करने को कहा है। अब इस ट्रस्ट में शामिल होने वाले चेहरों को लेकर सभी की निगाहें टिकीं हैं।

सूत्र बता रहे हैं कि जिस तरह से 1951 में गुजरात में बकायदा धार्मिक चैरिटेबल ट्रस्ट बनाकर सोमनाथ मंदिर का निर्माण किया गया, उसी तरह से राम मंदिर बनाने के लिए भी ट्रस्ट गठित होगा। इस ट्रस्ट में सरकारी प्रतिनिधि और राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे संघ परिवार के संगठनों के लोग शामिल हो सकते हैं।

शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में तय कर दिया कि अयोध्या में विवादित जगह पर मंदिर बनेगा और इस काम को केंद्र सरकार एक ट्रस्ट बनाकर करेगी। साथ ही मुसलमानों को किसी वैकल्पिक जगह पर 5 एकड़ जमीन मिलेगी, जिसपर मस्जिद बनाई जाएगी। इन दोनों निर्माण की निगरानी ट्र्स्ट करेगा।


सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अयोध्या की विवादित जमीन पर रामलला का मालिकाना हक तय कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया कि 3 महीने में एक ट्रस्ट बनाया जाए, जो मंदिर निर्माण के नियम तय करेगा। कोर्ट ने कहा कि विवादित 2.77 एकड़ जमीन केंद्र सरकार के अधीन ही रहेगी।

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने मुस्लिम पक्ष को नई मस्जिद बनाने के लिए अलग से 5 एकड़ जमीन देने के निर्देश भी दिए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में निर्मोही अखाड़ा और शिया वक्फ बोर्ड के दावों को खारिज कर दिया। लेकिन ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े को जगह देने का निर्देश दिया।

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