मध्य प्रदेश में गाय के भोजन पर 'कर' लगाने की तैयारी, कांग्रेस ने कहा- बीजेपी का चरित्र उजागर हो गया

राज्य की सियासत में गाहे-बगाहे गाय मुद्दा बन जाती है। बीजेपी अपने को 'गाय' का सबसे बड़ा हितैषी बताने से नहीं चूकती। इसी कड़ी में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने गौशालाओं के विकास पर जोर देते हुए गौ-ग्रास पर कर लगाने की बात कही है, जिस पर हंगामा खड़ा हो गया है।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

मध्य प्रदेश में 'गाय' पर सियासी संग्राम के आसार बनने लगे हैं, क्योंकि राज्य मेंं बीजेपी की शिवराज सिंह चौहान सरकार गाय के भोजन के लिए 'कर' लगाने की तैयारी में है। इस पर कांग्रेस ने हमला करते हुए कहा कि राजनीति के लिए तो धन है मगर गाय के ग्रास का बोझ आम आदमी पर डाला जा रहा है।

कांग्रेस ने गायों को लेकर शिवराज सरकार द्वारा अपनाए जा रहे फैसलों पर सवाल खड़े किये हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि कमलनाथ सरकार के काल में राज्य में एक हजार गौशालाओं को अस्तित्व में लाया गया था, गायों के भोजन पर खर्च होने वाली राशि को बढ़ाया गया था। बीजेपी की सरकार आते ही वह सब बंद कर दिया गया।

अजय सिंह यादव ने आगे कहा कि बीजेपी सरकार के पास राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए तो धन राशि है, मगर गायों के भोजन के लिए नहीं। अब तो सरकार गायों के भोजन का भी बोझ आम आदमी पर डालने के लिए गौ-ग्रास पर कर लगाने जा रही है। यह सब सरकार और बीजेपी के चरित्र को उजागर करने वाला है।


दरअसल राज्य की सियासत में गाहे-बगाहे गाय बड़ा मुद्दा बन जाता है। सत्ता पक्ष बीजेपी और विपक्ष कांग्रेस अपने को 'गाय' का सबसे बड़ा हितैषी बताने से नहीं चूकते। राज्य की वर्तमान शिवराज सिंह चौहान ने भी गौशालाओं के विकास पर जोर दिया है और इसी दौरान उन्होंने गौ-ग्रास पर कर लगाने की बात कही है, जिस पर ये हंगामा खड़ा हो गया है।

मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने प्रदेश में गौ-वंश एवं नंदी की नस्ल सुधार पर जोर देते हुए कहा कि ज्यादा दूध देने वाले गौ-वंश पर अनुसंधान किया जाए, गौ-उत्पादों के विक्रय के लिए विशेष व्यवस्था बनाई जाए और अधिकाधिक प्रचार-प्रसार किया जाए। साथ ही गौ-फिनायल का उपयोग शासकीय कार्यालयों में किया जाए। गौ-ग्रास के लिए कर लगाने संबंधी योजना तैयार करें। साथ ही जन-भागीदारी को भी बढ़ावा दिया जाए।

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