दिग्गज नेता मोतीलाल वोरा के निधन पर शोक की लहर, राष्ट्रपति, पीएम, राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने जताया दुख

कांग्रेस के दिग्गज नेता मोतीलाल वोरा के निधन पर देश के राजनीति जगत में अपार शोक की लहर है। उनके निधन पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत कई मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों और सांसदों-विधायकों ने भी गहरा दुख जताया है।

फोटोः विपिन
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का आज 93 साल की उम्र में निधन हो गया। मोतीलाल वोरा को रविवार रात को दिल्ली के एस्कॉर्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां सोमवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। अपने लंबे राजनीतिक जीवन में वोरा ने कई संवैधिनिक पदों को संभालकर देश की सेवा की। वह कई बार केंद्र में मंत्री रहे, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और फिर राज्यपाल के पद पर भी रहे। वह कई वर्षों तक राज्यसभा के सांसद भी रहे।

दिग्गज नेता के निधन पर देश के राजनीति जगत में अपार शोक की लहर है। उनके निधन पर कांग्रेस पार्टी के नेताओं के अलावा देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और सांसदों-विधायकों ने भी गहरा दुख जताया है। उनके निधन पर गहरा दुख जताते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, “कांग्रेस के दिग्गज नेता मोतीलाल वोरा अब नहीं रहे। वह बेहद विनम्र व्यक्ति थे और ऐसे नेताओं की पीढ़ी के थे, जो अपनी राजनीति को अंत तक अडिग विश्वास के साथ लेकर चलते हैं। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।”

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दिग्गज नेता के निधन पर गहरा दुख जताया है। उनकी ओर से पीएमओ द्वारा किए गए ट्वीट में कहा गया, “मोतीलाल वोरा जी उन वरिष्ठतम कांग्रेसी नेताओं में से थे, जिनके पास राजनीतिक करियर में दशकों तक फैला एक बड़ा प्रशासनिक और संगठनात्मक अनुभव था।”

वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता के निधन पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'वोरा जी एक सच्चे कांग्रेसी और अद्भुत इंसान थे। हम उन्हें बहुत मिस करेंगे। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी संवेदना है।'

प्रियंका गांधी ने कहा, श्री मोतीलाल वोरा जी के निधन से कांग्रेस पार्टी के हर एक नेता, हर एक कार्यकर्ता को व्यक्तिगत तौर पर दुःख महसूस हो रहा है। वोरा जी कांग्रेस की विचारधारा के प्रति निष्ठा, समर्पण और धैर्य के प्रतीक थे। 92 साल की उम्र में भी हर मीटिंग में उनकी मौजूदगी रही, हर निर्णय पर उन्होंने अपने विचार खुलकर प्रकट किए। आज दुःख भरे दिल से उन्हें अलविदा कहते हुए यह महसूस हो रहा है कि परिवार के एक बड़े बुजुर्ग सदस्य चले गए हैं। हम सब उन्हें बहुत याद करेंगे।

वहीं, कांग्रेस पार्टी ने अपने दिग्गज नेता के निधन पर गहरा शोक जताते हुए कहा, “कांग्रेस परिवार के वरिष्ठ सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री श्री मोतीलाल वोरा जी के निधन पर सादर श्रद्धांजलि। केंद्रीय मंत्री से लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री तक जनहित ही वोरा जी के जीवन का उद्देश्य रहा। कांग्रेस के प्रति उनके लगाव, जुनून, उत्साह, समर्पण को सदैव याद किया जाएगा।”

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दुख जताते हुए अपने संदेश में कहा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा जी के निधन पर हार्दिक संवेदना। वह हमारे सबसे वरिष्ठ नेता थे, जिन्होंने अपना पूरा जीवन केंद्रीय मंत्री, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री, यूपी के राज्यपाल, कांग्रेस महासचिव और पार्टी के कोषाध्यक्ष के रूप में बिताया। वह ऐसे असाधारण व्यक्तित्व के अनुभवी नेता थे, जिनका जीवन कांग्रेस को समर्पित था। उन्होंने अपनी अंतिम सांस तक पार्टी के लिए समर्पित रूप से काम किया। उनका निधन पार्टी के लिए बहुत बड़ी क्षति है। उनके परिवार और समर्थकों को शक्ति मिले। उनकी आत्मा को शांति मिले।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, 'मैंने अपनी राजनीति का ककहरा जिन लोगों से सीखा उनमें बाबूजी एक थे। अविभाजित मध्यप्रदेश से लेकर छत्तीसगढ़ तक वे हम कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए एक पथ प्रदर्शक थे। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें और परिवार को इस कठिन समय में दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।'

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने दुख जताते हुए कहा, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा जी के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। उन्होंने जीवन पर्यन्त विभिन्न पदों पर रहकर कांग्रेस की सेवा की, कांग्रेस की मज़बूती के लिये कार्य किया। एक दिन पूर्व ही उनका 93वां जन्मदिवस था। परिवार के प्रति शोक संवेदनाएं। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणो में स्थान और पीछे परिजनों को यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करे।”

वहीं, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा जी के निधन का समाचार सुनकर दु:ख हुआ। ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान देने और परिजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं। देश के वरिष्ठ राजनेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री मोतीलाल वोरा जी नहीं रहे। वे उस पीढ़ी से थे जिसने सेवा की राजनीति की और देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी। वे सज्जन, शालीन और अजातशत्रु राजनेता थे। वे हम सबको स्नेह करते थे। मैं 1990 में उनके साथ विधायक रहा।”

दिग्गज नेता के निधन पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शोक जताते हुए कहा, “कांग्रेस के वफादार सिपाही मोतीलाल वोरा जी के निधन की खबर से स्तब्ध हूं। उन्होंने मुख्यमंत्री, गवर्नर, केन्द्रीय मंत्री समेत अनेकों संवैधानिक पदों पर काम किया। उनके साथ मेरे व्यक्तिगत संबंध थे, उनका स्नेह और आशीर्वाद हमेशा रहा। विनम्र श्रद्धांजलि और परिवार के प्रति संवेदनाएं।”

वहीं, कांग्रेस के युवा नेता और हरियाणा से राज्यसभा सांसद दीपेंदर सिंह हुड्डा ने वरिष्ठ नेता के निधन पर शोक जताते हुए कहा, “हम सबके अभिभावक और देश के अनेकों संवैधानिक पदों पर सेवा देने वाले आदरणीय मोतीलाल वोरा जी के निधन से कांग्रेस परिवार और राजनीतिक जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। मुझे हमेशा उनका विशेष स्नेह और आशीर्वाद मिला। भावभीनी श्रद्धांजलि और परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदनाएं।”

बता दें कि दिग्गज नेता मोतीलाल वोरा का सोमवार दोपहर को दिल्ली के एक अस्पताल में 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने रविवार (20 दिसंबर) को ही अपना 93वां जन्मदिन मनाया था। परिवार के सदस्यों ने बताया कि वह कुछ हफ्ते पहले ही कोरोना संक्रमित हुए थे और कई दिनों तक एम्स में इलाज के बाद उन्हें छुट्टी मिल गई थी। लेकिन रविवार को स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के कारण उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका निधन हो गया।

गौरतलब है कि अपने शुरुआती जीवन में वोरा ने कई वर्षों तक पत्रकारिता के क्षेत्र में काम किया और बाद में 1968 में राजनीति में प्रवेश किया था। उन्होंने पहली बार 1970 में मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव जीता और सड़क परिवहन निगम के उपाध्यक्ष बनाए गए। इसके बाद 1977 और 1980 में मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए फिर से चुने गए और 1980 में अर्जुन सिंह कैबिनेट में उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री बने। इसके बाद वोरा 1983 में कैबिनेट मंत्री बने और फिर उन्हें मध्यप्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद वे 13 मार्च 1985 से 13 फरवरी 1988 तक और फिर 25 जनवरी 1989 से 9 दिसंबर 1989 तक दो बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद वह उत्तर प्रदेश के राज्यपाल भी रहे।

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Published: 21 Dec 2020, 6:30 PM