मणिपुर में 6 महीने के लिए बढ़ाया गया राष्ट्रपति शासन, प्रस्ताव को मिली मंजूरी

मणिपुर में हालात पिछले काफी समय से चिंताजनक बने हुए हैं। राज्य में लंबे समय से जारी जातीय तनाव और हिंसा को देखते हुए केंद्र सरकार ने 13 फरवरी, 2024 को वहां राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

मणिपुर में जारी अशांति के बीच केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति शासन की अवधि को छह महीने और बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में प्रस्ताव लोकसभा में पहले ही पेश किया जा चुका है और अब इसे राज्यसभा में रखा जाना है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज उच्च सदन में यह प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे।

सरकार द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया है, “यह सदन राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत मणिपुर के संबंध में 13 फरवरी, 2025 को की गई उद्घोषणा को 13 अगस्त, 2025 से आगे छह महीने की और अवधि के लिए लागू रखने का अनुमोदन करता है।” यानी अब यह राष्ट्रपति शासन अगले साल फरवरी तक लागू रहेगा।

गौरतलब है कि मणिपुर में हालात पिछले काफी समय से चिंताजनक बने हुए हैं। राज्य में लंबे समय से जारी जातीय तनाव और हिंसा को देखते हुए केंद्र सरकार ने 13 फरवरी, 2024 को वहां राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था। इससे पहले मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

राज्य में अस्थिरता की शुरुआत मई 2023 में हुई थी, जब मैतेई और कुकी समुदायों के बीच भीषण जातीय हिंसा भड़क उठी। इसके बाद से ही राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई, लेकिन हालात पूरी तरह से सामान्य नहीं हो सके। हिंसा के चलते अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है, हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं और करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हो चुका है।

अभी भी मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच जारी तनाव को खत्म करने के लिए अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है।