प्रतिष्ठित पुलित्जर पुरस्कार देने वाले बोर्ड का दावा, भारत ने कश्मीर की ‘आजादी’ को रद्द किया

इस साल पुलित्जर पुरस्कार के लिए भारत के तीन फोटोग्राफरों के नाम का ऐलान हुआ है। तीनों को अनुच्छेद-370 हटने के बाद कश्मीर के हालात की तस्वीरों के लिए यह पुरस्कार दिया गया है। पुलित्जर बोर्ड ने इस ऐलान के साथ कहा कि भारत ने कश्मीर की ‘आजादी’ को रद्द किया है।

फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

कोलंबिया विश्वविद्यालय के पुलित्जर बोर्ड ने सोमवार को प्रतिष्ठित पुलित्जर पुरस्कारों का ऐलान किया। इस साल इस पुरस्कार के लिए भारत के तीन फोटोग्राफरों को सम्मानित करने का ऐलान हुआ है। लेकिन इस ऐलान के साथ ही पुलित्जर बोर्ड की भारत के कश्मीर को लेकर की गई टिप्पणी से विवाद खड़ा होने की संभावना है। बोर्ड ने पुरस्कारों के ऐलान के साथ कहा है कि “भारत ने कश्मीर की ‘आजादी’ को रद्द किया है।”

सोमवार को की गई घोषणा में यह पुरस्कार भारत के चन्नी आनंद, मुख्तार खान और डार यासीन को फीचर फोटोग्राफी में मिला है। ये तीनों ही समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के लिए काम करते है। इन्होंने पिछले साल घाटी में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद की स्थितियों को अपने कैमरे में कैद कर लोगों तक पहुंचाया था।

पुरस्कार के ऐलान के बाद कोलंबिया विश्वविद्यालय के पुलित्जर बोर्ड ने दावा किया कि इन सभी को यह पुरस्कार उनके काम के चलते ही दिया गया है। बोर्ड ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि "तीनों को यह पुरस्कार कश्मीर के विवादास्पद क्षेत्र में जिंदगी की तस्वीरों को उकेरने के लिए दिया गया है, जहां भारत ने उनकी स्वतंत्रता को रद्द किया और इस पूरे घटनाक्रम के दौरान वहां इटंरनेट ब्लैकआउट लागू कर दिया गया।"

बता दें कि भारत की केंद्र सरकार ने पिछले साल संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया था, जिसके तहत कश्मीर को विशेषाधिकार प्राप्त थे। इससे पैदा हालात से निपटने के लिए सरकार ने पूरे कश्मीर में पाबंदी लगा दी थी, जो अब तक जारी है। राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत कई नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को या तो गिरफ्तार कर लिया गया उन्हें नदरबंद कर दिया गया। इस दौरान वहां पत्रकारों पर भी तमाम तरह की पाबंदी रही। गैर-भारतीय पत्रकारों पर पाबंदी लगा दी गई थी। अब पुलित्जर बोर्ड द्वारा कश्मीर की स्वतंत्रता को रद्द किए जाने के दावे से कई तरह के सावल उठ रहे हैं।

अमेरिकी पत्रकारिता जगत में सबसे प्रतिष्ठित माना जाने वाला पुलित्जर पुरस्कार कोलंबिया विश्वविद्यालय के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ जर्नलिज्म से जुड़ा है, जहां सोमवार को निर्णय लेने के बाद विजेताओं की घोषणा की गई। पुरस्कार में एक प्रमाण पत्र के अलावा 15,000 डॉलर की राशि भी शामिल है। हालांकि पत्रकारिता के सार्वजनिक सेवा श्रेणी में विजेता को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया जाता है। सार्वजनिक सेवा का पुरस्कार द एंकोरेज डेली न्यूज को अलास्का राज्य में पुलिसिंग के साथ मिलकर काम करने के चलते दिया गया।

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