प्रियंका गांधी ने यूपी में स्कूलों के विलय पर उठाया सवाल, कहा- आदेश शिक्षा के अधिकार और वंचित तबकों के खिलाफ
प्रियंका गांधी ने पूछा कि अगर स्कूल घर से दूर हुए तो छोटे बच्चे, खासकर लड़कियां कई किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल कैसे पहुंचेंगी? जाहिर है कि उनकी पढ़ाई छूट जाएगी। बच्चों से यह अधिकार क्यों छीना जा रहा है?

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोमवार को आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार विलय के नाम पर हजारों सरकारी विद्यालयों को बंद करने जा रही है। उन्होंने कहा कि विलय का आदेश शिक्षा के अधिकार और दलित, पिछड़े, आदिवासी, अल्पसंख्यक, गरीब और वंचित तबकों के खिलाफ है।
प्रियंका गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘‘उत्तर प्रदेश सरकार विलय के नाम पर करीब 5,000 सरकारी स्कूलों को बंद करने जा रही है। शिक्षक संगठनों के मुताबिक, सरकार की मंशा लगभग 27,000 स्कूलों को बंद करने की है।’’ उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार देश में शिक्षा का अधिकार कानून लाई थी, जिसके तहत हर गांव में स्कूल की व्यवस्था की गई थी ताकि गरीब परिवार के बच्चों के लिए शिक्षा सुलभ हो सके।
कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ‘‘अगर स्कूल घर से दूर हुए तो छोटे बच्चे, खासकर लड़कियां कई किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल कैसे पहुंचेंगी? जाहिर है कि उनकी पढ़ाई छूट जाएगी। बच्चों से यह अधिकार क्यों छीना जा रहा है?’’ उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार का यह आदेश शिक्षा के अधिकार के खिलाफ तो है ही, दलित, पिछड़े, आदिवासी, अल्पसंख्यक, गरीब और वंचित तबकों के भी खिलाफ है।
इससे पहले लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी उत्तर प्रदेश में हजारों सरकारी स्कूलों को विलय के नाम पर बंद करने के बीजेपी सरकार के आदेश पर सवाल उठाया था। वहीं राज्य सरकार का कहना है कि इस कदम का मकसद स्कूलों के ‘विलय’ या उन्हें ‘बंद’ करना नहीं है, बल्कि यह विद्यार्थियों की कम संख्या वाले संस्थानों में संसाधनों के बेहतर उपयोग के उद्देश्य से उन्हें जोड़ने की कवायद है।
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