प्रियंका गांधी के मोदी सरकार से तीखे सवाल, 'मेरी मां के आंसुओं तक चले गए गृहमंत्री, सीजफायर हुआ क्यों, इसका नहीं दिया जवाब'
प्रियंका गांधी ने सीधे सवाल उठाया कि आखिर पहलगाम में हमला कैसे और क्यों हुआ। शुभम द्विवेदी की पत्नी के हवाले से कहा कि सरकार के भरोसे यात्रा पर गए लोगों को ‘भगवान भरोसे’ छोड़ दिया गया।

लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार और खास तौर पर गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री ऑपरेशन का श्रेय लेते हैं, तो उन्हें जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए। उन्होंने संसद में कई तीखे सवाल पूछे। उन्होंने पूछा क्या गृह मंत्री ने इस्तीफा दिया? क्या इंटेलिजेंस प्रमुखों ने जवाबदेही ली?
प्रियंका गांधी ने कहा कि बीजेपी 11 सालों से सत्ता में है, फिर भी हर विफलता के लिए इतिहास को दोष देती है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, "आप इतिहास की बात करते हैं, मैं वर्तमान की करूंगी।"
उन्होंने बताया कि जब गौरव गोगोई ने हमले की जिम्मेदारी को लेकर सवाल उठाया, तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सिर हिला रहे थे, लेकिन गृह मंत्री अमित शाह हंस रहे थे। उन्होंने 2008 मुंबई हमलों की तुलना करते हुए कहा कि उस समय तत्कालीन गृह मंत्री और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दिया था, लेकिन आज मणिपुर, दिल्ली दंगे और पहलगाम जैसे घटनाओं के बावजूद कोई जवाबदेही नहीं ली गई।
प्रियंका गांधी ने पीड़ितों की पीड़ा को साझा करते हुए कहा, “जब मैं उन 26 परिवारों की बात कर रही हूं तो उस दर्द को महसूस कर रही हूं, जो मैंने अपने पिता को खोकर सहा है।” उन्होंने आगे कहा कि उनकी मां सोनिया गांधी के आंसू आतंकियों के हमले के कारण थे, और आज जब गृह मंत्री उन आंसुओं की बात करते हैं, तो उन्हें पहले यह जवाब देना चाहिए कि आखिर सीजफायर क्यों घोषित किया गया।"
उन्होंने सीधे सवाल उठाया कि आखिर पहलगाम में हमला कैसे और क्यों हुआ। शुभम द्विवेदी की पत्नी के हवाले से कहा कि सरकार के भरोसे यात्रा पर गए लोगों को ‘भगवान भरोसे’ छोड़ दिया गया।
प्रियंका गांधी ने राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों की विफलता को भी कटघरे में खड़ा किया और पूछा कि क्या किसी एजेंसी को भनक तक नहीं लगी कि इतना बड़ा आतंकी हमला होने जा रहा है?
उन्होंने सरकार की कथित ढिलाई की ओर इशारा करते हुए कहा, "अगर पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद रोधी समिति का अध्यक्ष बना दिया गया तो यह किसकी विफलता है?"
भावनात्मक होते हुए प्रियंका ने कहा, “नेतृत्व सिर्फ श्रेय लेने से नहीं आता। सत्ता कांटों का ताज है। उस ताज को पहनने का साहस हो तो उसकी चुभन भी सहनी होगी।"
प्रियंका गांधी ने अपने भाषण के अंत में 26 मृतकों के नाम सदन में पढ़े और सत्ता पक्ष के टोकने पर कहा, "सुबह शिव मंत्र पढ़कर आई हूं, सुन लीजिए।"
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Published: 29 Jul 2025, 3:29 PM