'वायनाड के आदिवासी छात्रों को जिले के भीतर ही सुरक्षित स्कूल में स्थानांतरित किया जाए', प्रियंका गांधी ने लिखा पत्र

प्रियंका गांधी ने राज्य के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री केलू से छात्रों को पड़ोसी जिले कन्नूर के एक स्कूल में स्थानांतरित करने के फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बृहस्पतिवार को केरल के मंत्री ओ.आर. केलू से आग्रह किया कि वायनाड के एक सरकारी स्कूल के आदिवासी छात्रों को जिले के भीतर ही किसी सुरक्षित संस्थान में स्थानांतरित किया जाए।

उनका कहना है कि यह स्कूल आदिवासी छात्रों के लिए उपयुक्त नहीं है।

वायनाड से कांग्रेस सांसद ने राज्य के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री केलू से छात्रों को पड़ोसी जिले कन्नूर के एक स्कूल में स्थानांतरित करने के फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा।

प्रियंका गांधी ने दावा किया कि सरकार के इस फैसले से कई छात्र स्कूल छोड़ सकते हैं क्योंकि उनके परिवारों के पास उनसे मिलने कन्नूर आने के लिए संसाधन नहीं हैं।

वह यहां थिरुनेल्ली स्थित ‘गवर्नमेंट आश्रम हाई स्कूल’ के छात्रों को कन्नूर जिले के अरलम स्थित ‘न्यू मॉडल रेसीडेंसियल स्कूल’ में स्थानांतरित करने के राज्य सरकार के फैसले का जिक्र कर रही थीं।

कांग्रेस सांसद ने कहा कि ‘गवर्नमेंट आश्रम हाई स्कूल’ के सभी छात्र पनिया और अदिया आदिवासी समुदायों से हैं जो संस्थान के छात्रावास में "अमानवीय और खतरनाक परिस्थितियों" में रह रहे थे।

उनका कहना है, ‘‘लड़कियों के लिए उपलब्ध कराई गई स्वास्थ्य और स्वच्छता सुविधाएं बेहद अपर्याप्त हैं और इन्हें तत्काल उन्नत बनाने की आवश्यकता है... मेरा मानना ​​है कि अनुसूचित जनजाति विकास विभाग अब उन्हें अरलम स्थित आवासीय विद्यालय में स्थानांतरित करने की योजना बना रहा है।"

प्रियंका गांधी ने केलू को लिखे अपने पत्र में कहा, "मुझे आशंका है कि इस फैसले के कारण उनमें से कई छात्राएं स्कूल ही छोड़ देंगी।"

उन्होंने मंत्री से छात्रों को स्थानांतरित करने के निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया और सुझाव दिया कि उन्हें वायनाड के भीतर किसी उपयुक्त परिसर में स्थानांतरित किया जाए।

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