बृजभूषण के खिलाफ FIR दर्ज होने के बाद भी जंतर-मंतर पर धरना जारी, पहलवान बोले- कुश्ती को राजनीति से किया जाए अलग

पहलवान सत्यव्रत कादियान ने कहा कि यह अच्छी बात है कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है। एफआईआर से हमें क्या मिलेगा? एफआईआर से थोड़ी न्याय मिलता है? दिल्ली पुलिस को पहले ही दिन एफआआर दर्ज कर लेनी चाहिए थी।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

यौन शोषण के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद भी दिल्ली के जंतर मंतर पर पहलवानों का धरना जारी है। पहलवान सत्यव्रत कादियान ने कहा कि यह अच्छी बात है कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है। एफआईआर से हमें क्या मिलेगा? एफआईआर से थोड़ी न्याय मिलता है? दिल्ली पुलिस को पहले ही दिन एफआआर दर्ज कर लेनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि अभी तो हमारी ऑन-पेपर लड़ाई शुरू हुई है। हमारी मांग है कि कुश्ती को राजनीति से अलग किया जाए और हमारी महिला पहलवानों का भविष्य सुरक्षित किया जाए।

महिला पहलवानों की शिकायत पर भारतीय कुश्ती संघ अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में दो प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। डीसीपी प्रणव तयाल के मुताबिक, पहली प्राथमिकी एक नाबालिग पीड़िता द्वारा लगाए गए आरोपों पर पॉक्सो अधिनियम के साथ-साथ आईपीसी की प्रासंगिक धाराओं के तहत दर्ज की गई है। दूसरी प्राथमिकी अन्य वयस्क शिकायतकर्ताओं द्वारा दी गई शिकायतों की व्यापक जांच करने के लिए शीलभंग से संबंधित धाराओं के तहत दर्ज की गई है।


शुक्रवार को प्राथमिकी दर्ज होने से पहले सुप्रीम कोर्ट में पहलवानों के आरोपों पर सुनवाई हुई। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि वह कुश्ती महासंघ अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोप में एफआईआर दर्ज करेगी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष कहा कि हमने एफआईआर दर्ज करने का फैसला किया है, हम इसे आज ही दर्ज करेंगे।

चीफ जस्टिस ने मेहता से कहा कि मिस्टर सॉलिसिटर हम आपका बयान दर्ज करेंगे कि एफआईआर दर्ज की जा रही है। दूसरा, हम कहेंगे कि नाबालिग शिकायतकर्ता को सुरक्षा मुहैया कराई जाए। इसे निपटाने के बजाय, हम इसे एक सप्ताह के बाद लेंगे। इस दौरान कपिल सिब्बल ने एक नाबालिग शिकायतकर्ता लड़की की सुरक्षा को लेकर सीलबंद लिफाफे में पीठ के समक्ष एक हलफनामा पेश किया। जिस पर पीठ ने दिल्ली पुलिस को खतरे की आशंका का आकलन करने और नाबालिग लड़की को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया।

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