दिल्ली से सटे गुरुग्राम की दहलीज पर पहुंचे आंदोलनकारी किसान, हरियाणा सरकार ने सख्त की सुरक्षा

हरियाणा सरकार ने दिल्ली-जयपुर हाईवे पर गुरुग्राम की सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। माना जा रहा है कि आंदोलनकारी किसान अगले एक दो दिन में गुरुग्राम में प्रवेश कर सकते हैं। रविरा को गुरुग्राम से करीब 17 किमी दूर रेवाड़ी में पुलिस की किसानों से झड़प भी हुई।

फोटो : आईएएनएस
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आईएएनएस

नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के एक संगठन ने तीन दिन पहले हरियाणा-राजस्थान सीमा पर बैरिकेड तोड़कर हरियाणा के रेवाड़ी जिले में प्रवेश किया था। अब वे गुरुग्राम में प्रवेश कर सकते हैं। राजस्थान के श्री गंगानगर से आंदोलनकारी किसानों के एक समूह ने रविवार शाम को राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ने का एक और प्रयास किया। इसी के चलते गुरुग्राम से करीब 17 किमी दूर रेवाड़ी के सांघवाड़ी गांव के पास पुलिस से झड़प हो गई।

हरियाणा पुलिस ने उन्हें पानी की तोपों और आंसूगैस का इस्तेमाल करते हुए रोकने का प्रयास किया, क्योंकि उनके नेताओं ने उनसे राष्ट्रीय राजधानी की ओर न जाने का आग्रह किया था। पुलिस के अनुसार, किसानों ने लगभग 50 ट्रैक्टरों के जरिए शाम साढ़े छह बजे के आसपास बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें रोक दिया गया। पुलिस ने कहा, हमने उन्हें बैरिकेड तोड़ने से रोकने के लिए लाठीचार्ज का सहारा नहीं लिया, लेकिन उन्हें रोकने के लिए हमें पानी की तोपों और आंसूगैस के गोले का इस्तेमाल करना पड़ा। हालांकि उम्मीद जताई जा रही है कि अगले कुछ दिनों में किसान का गुरुग्राम में प्रवेश हो सकता है।


ऐसे प्रयासों को देखते हुए गुरुग्राम पुलिस ने गुरुग्राम-रेवाड़ी सीमा पार अपनी सुरक्षा बढ़ा दी है और किसानों के गुरुग्राम में प्रवेश रोकने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। गुरुग्राम-रेवाड़ी सीमा पर दंगा रोधी उपकरणों के साथ अतिरिक्त बल के साथ अतिरिक्त बल सहित कई पुलिस कर्मियों को गुरुग्राम में प्रवेश करने वाले किसानों को रोकने के लिए तैनात किया गया है। डीसीपी (मुख्यालय) आस्था मोदी ने कहा, अभी तक गुरुग्राम में किसी भी किसान समूह ने प्रवेश नहीं किया है। हालांकि रेवाड़ी में पुलिस रेवाड़ी के संघवाड़ी गांव के पास किसानों को रोकने में कामयाब रही है।

राजस्थान और हरियाणा के किसान 13 दिसंबर से दिल्ली-जयपुर मार्ग पर तीनों फार्म बिलों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण हरियाणा के किसानों के उनके साथ जुड़ने के बाद इनकी संख्या जो बमुश्किल 200 थी, अब बढ़कर 2,000 हो गई है।

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