नोएडा के किसानों ने विधायक पंकज सिंह के कार्यालय पर किया जमकर हंगामा, पुलिस से हुई झड़प

किसान बढ़ी दर से मुआवजा देने, किसानों को 10 प्रतिशत विकसित भूखंड देने, आबादी जैसी है वैसी छोड़ने, विनियमितीकरण की 450 वर्गमीटर सीमा को बढ़ाकर 1000 प्रति वर्गमीटर करने, उनका नियोजन करने जैसी मांगों को लेकर कई दिनों से नोएडा अथॉरिटी के बाहर धरना दे रहे हैं।

नोएडा के किसानों ने विधायक पंकज सिंह के कार्यालय पर किया जमकर हंगामा
नोएडा के किसानों ने विधायक पंकज सिंह के कार्यालय पर किया जमकर हंगामा
user

नवजीवन डेस्क

अपनी मांगों को लेकर एक महीने से नोएडा अथॉरिटी के बाहर धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सोमवार को विधायक पंकज सिंह के ऑफिस पर धावा बोल दिया और वहां जमकर हंगामा किया। इस दौरान किसानों की पुलिस बल से जमकर झड़प भी हुई। बाद में विधायक पंकज सिंह ने किसानों से मिलकर उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया, तब जाकर किसान शांत हुए।

विधायक पंकज सिंह ने किसानों से मिलकर उनके हक की बात की और कहा कि नोएडा अथॉरिटी के चेयरमैन, जो आईडीसी हैं, लखनऊ में बैठकर तमाशा न देखें। मैं 15 दिनों का समय दे रहा हूं। इतना ही समय उद्योग मंत्री को भी दे रहा हूं। जल्दी से समस्या का समाधान करें। रोज का धरना-प्रदर्शन हम सब यहां बैठकर देखते हैं।

फोटोः IANS
फोटोः IANS

दरअसल, किसान एक महीने से नोएडा प्राधिकरण पर प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार को भी पहले किसान सेक्टर-6 स्थित प्राधिकरण के कार्यालय पर जमा हुए। इसके बाद वहां से पैदल मार्च करते हुए दोपहर बाद सेक्टर-26 स्थित विधायक के घर पहुंचे। पुलिस ने वहां बैरिकेड कर रखी थी। किसानों ने पहले मांग कर दी कि उन्हें विधायक से मिलना है। इसके बाद विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी।

किसानों को आगे जाने से रोकने पर वे उग्र हो गए। किसानों ने बैरिकेड तोड़ दिया और आगे बढ़ गए। पुलिस के समझाने के बाद किसी तरह किसान शांत हुए। इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच खूब नोकझोंक हुई। नौबत खींचातानी तक आ गई। इसके बाद प्राधिकरण अधिकारियों की एक टीम वहां पहुंची। साथ ही विधायक के मिलने के आश्वासन के बाद किसान वहीं बैठ गए।


किसान अपनी मांगों को लेकर कई दिनों से धरना दे रहे हैं। जिनमें 1997 के बाद के सभी किसानों को बढ़ी दर से मुआवजा देने की मांग शामिल है। इसके साथ ही किसानों को 10 प्रतिशत विकसित भूखंड देने, आबादी जैसी है वैसी छोड़ने, विनियमितीकरण की 450 वर्गमीटर सीमा को बढ़ाकर 1000 प्रति वर्गमीटर करने, भूमि उपलब्धता न होने के कारण पात्र किसानों के 5 प्रतिशत आबादी भूखंड भूलेख विभाग में नहीं रोकने, उनका नियोजन करने जैसी मांगें भी शामिल हैं।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia