पुलवामा हमलाः जानिए कब-कब हुए जम्मू-कश्मीर में बड़े आतंकी हमले

गुरुवार शाम को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए फिदायिन हमले में 40 से ज्यादा जवानों की मौत हो गई। इससे पहले भी पिछले दो दशक के दौरान सुरक्षाबलों पर इस तरह के कई दिल दहला देने वाले हमले हो चुके हैं, जिसमें कई जवानों की जान जा चुकी है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार शाम को सीआरपीएफ के काफिले पर हुआ फिदायिन हमला, राज्य में सुरक्षाबलों पर कोई पहला बड़ा आतंकी हमला नहीं है। पिछले दो दशक के दौरान राज्य में सेना और सुरक्षाबलों पर इस तरह के कई बड़े हमले हो चुके हैं, जिनमें कई जवानों की जान जा चुकी है। आइए एक नजर डालते हैं पिछले दो दशक के दौरान जम्मू-कश्मीर में हुए बड़े आतंकी हमलों पर एक नजर।

  • 26 अगस्त 2017- जैश ए मोहम्मद के 3 आतंकवादियों ने पुलवामा जिला पुलिस लाइंस पर हमला कर सुरक्षा बल के 8 जवानों की हत्या कर दी, थी। इन हमलावरों को सुरक्षाबल ने जवाबी कार्रवाई में मार गिराया था।
  • 29 नवंबर 2016- जम्मू के नागरोटा स्थित सेना के आयुध शिविर पर तीन आतंकवादियों ने हमलाकर 7 जवानों को मौत के घाट उतार दिया था। तीनों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया था।
  • 18 सितंबर 2016- बारामूला के ऊरी स्थित सेना शिविर पर 4 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने हमला किया, जिसमें 18 सैनिकों की मौत हो गई। मारे गए ज्यादातर सैनिक हमले के समय नींद में थे। इसी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक किया था।
  • 25 जून 2016- पंपोर में श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर आतंकवादियों ने एक सीआरपीएफ बस पर अंधाधुंध फायरिंग कर 8 जवानों को मौत के घाट उतार दिया था।
  • 3 जून 2016- पंपोर में एक सीआरपीएफ बस पर हमला कर दो जवानों की जान लेने के बाद आतंकी पास की एक सरकारी इमारत में जा छिपे। दो दिन चले एनकाउंटर में दो हमलावरों के अलावा तीन सीआरपीएफकर्मियों की भी जान गई, जिसमें दो अधिकारी भी शामिल थे। इस हमले में एक आम नागरिक की भी मौत हुई थी।।
  • 5 दिसंबर 2014- भारी-भरकम हथियारों से लैस 6 आतंकियों ने उरी के मोहरा में एक सैन्य शिविर पर हमला कर दिया। लंबी गोलीबारी में 10 जवान शहीद हो गए। इस हमले में भी सभी आतंकी मारे गए थे।
  • 24 जून 2013- श्रीनगर के हैदरपोरा में निहत्थे सेना के जवानों को ले जा रही एक बस पर आतंकवादियों ने हमला कर 8 जवानों को मौत के घाट उतार दिया था
  • 19 जुलाई 2008- श्रीनगर-बारामुला हाईवे पर स्थित नरबल में सड़क किनारे लगाए गए आईईडी में धमाका कर आतंकवादियों ने 10 जवानों की हत्या कर दी थी।
  • 2 नवंबर 2005- पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्म्द सईद के निजी घर के करीब एक फिदायिन हमलावर द्वारा अपनी कार में किए गए धमाके में 3 पुलिस वालों और 6 आम नागहरिकों की मौत हो गई थी।
  • 20 जुलाई 2005- एक आत्मघाती कार हमलावर ने अपनी गाड़ी को सुरक्षा बलों के वाहन में टक्कर मारकर उड़ा दिया। इस हमले में सुरक्षा बल के तीन जवान और दो नागरिक मारे गए।
  • 24 जून 2005- श्रीनगर के बाहरी इलाके में आतंकवादियों द्वारा किए गए एक कार बम धमाके में सेना के 9 जवान मारे गए।
  • 4 अगस्त 2004- श्रीनगर के राजबाग में सीआरपीएफ के एक शिविर पर हुए आतंकवादी हमले में 9 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए। जवाबी कार्रवाई में एक आतंकवादी भी मारा गया।
  • 8 अप्रैल 2004 - बारामुला जिले के उरी में पीडीपी की एक रैली पर आतंकवादियों के ग्रेनेड हमले में 11 लोग मारे गए। पीडीपी श्रीनगर-मुजफ्फराबाद रोड को खोलने की मांग कर रही थी।
  • 22 जुलाई 2003- अखनूर में सेना के एक कैंप पर हुए हमले में एक ब्रिगेडियर समेत 8 जवानों की मौत हो गई थी। हमले में सेना के कई वरिष्ठ अधिकारी भी घायल हुए थे।
  • 28 जून 2003- सुंजवान आर्मी कैंप पर आतंकवादियों के आत्मघाती हमले में एक अधिकारी सहित 12 सैनिक मारे गए। दो आतंकियों को भी मार गिराया गया था।
  • 14 मई 2002- सेना पर हुए सबसे बड़े हमलों में से एक के तहत जम्मू में कालूचक सैन्य छावनी में घुसकर 3 आतंकवादियों ने 36 जवानों की हत्या कर दी थी। इस घटना में हमलावर भी मारे गए थे।
  • 17 नवंबर 2001 - आतंकवादियों ने रामबन (तब डोडा जिले का हिस्सा) में सुरक्षा बलों के एक ठिकाने पर हमलाकर 10 जवानो की हत्या कर दी थी। इस हमले में चार आतंकवादी भी मारे गए थे।
  • 1 अक्टूबर 2001- आतंकवादियों ने श्रीनगर में विधानसभा के पुराने परिसर के बाहर एक कार बम धामाका किया, जिसमें 38 लोग मारे गए थे। इस हमले में तीन हमलावरों को भी मार गिराया गया था।
  • 10 अगस्त 2000- आतंकवादियों ने श्रीनगर के रेजीडेंसी रोड पर एक ग्रेनेड फेंका, जिसकी सूचना पर जैसे ही सुरक्षा अधिकारी घटनास्थल पर इकट्ठे हुए, उन्होंने एक कार बम विस्फोट कर दिया, जिसमें 11 लोगों और एक फोटो जर्नलिस्ट की मौत हो गई।
  • 19 अप्रैल 2000 - कश्मीर विद्रोह में पहली बार "मानव बम" का इस्तेमाल किया गया। श्रीनगर के बादामीबाग इलाके में सेना मुख्यालय में आत्मघाती कार बम विस्फोट में दो सैनिक मारे गए।
  • 3 नवंबर 1999 - आतंकवादियों ने बादामीबाग सेना मुख्यालय पर हमला कर सेना के जनसंपर्क अधिकारी मेजर पुरुषोत्तम सहित 10 सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया।

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