पंजाब सीएम ने कानून मंत्री को याद दिलाया संविधान, कहा- देश की सुरक्षा के लिए खतरा है नागरिकता संशोधन कानून

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को सलाह दी है कि वे एक बार संविधान को गौर से पढ़ लें। उन्होंने कहा कि केरल विधानसभा ने सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर लोगों की आवाज पर मुहर लगाई है।

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के बीच ट्विटर पर खूब बातें हो रही हैं। दरअसल कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रविशंकर प्रसाद को लिखे एक खुले पत्र में केरल विधानसभा द्वारा नागिरकता संशोधन एक्ट यानी सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने को लोगों की आवाज करार दिया है। पंजाब सीएम ने केंद्र सरकार से लोगों की आवाज सुनने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने यह बात कानून और न्याय मंत्री रविशंकर द्वारा इस मुद्दे पर दिए बयान के संदर्भ में कही है।

पत्र में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय मंत्री के उस बयान पर एतराज जताया है जिसमें उन्होंने कहा था कि जो राज्य नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे हैं उन्हें पहले उचित कानूनी सलाह लेनी चाहिए। कैप्टन ने अपने पत्र में कहा है कि, “इस बारे में राज्यों ने जरूरी कानूनी सलाह ले रखी है।“ उन्होंने कहा कि, “मैंने संविधान की शपथ ली है और न तो मैं अनजान हूं और न ही गुमराह। मेरी जिम्मेदारी है कि मैं लोगों की आवाज का प्रतिनिधित्व करूं और केंद्र को भी लोगों की आवाज़ सुननी चाहिए। कानून मंत्री के तौर पर आपको मालूम होना चाहिए कि नागरिकता संशोधन कानून संवैधानिक परीक्षा में फेल हो जाता है।“


उन्होंने आगे लिखा है कि, “मैं इस बात को लेकर चिंतित हूं कि नागरिकता संशोधन कानून का इस्तेमाल देश में घुसपैठ के लिए किया जा सकता है, खासतौर से पंजाब जैसे सीमावर्ती राज्यों में। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी संभावित खतरा है। रविशंकर प्रसाद जी क्या बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार को पता भी है कि वह कर क्या रही है?”


कानून मंत्री द्वारा ऐसे कानून लागू करने के लिए सूबों को उनके संवैधानिक फर्ज याद करवाने के बारे में की टिप्पणी पर चुटकी लेते हुए कैप्टन ने कहा कि इन सूबों के नेताओं ने अपना चुनाव जीता है और भारतीय संविधान के तहत ही पद प्राप्त किया है। उन्होंने संविधान की प्रस्तावना की तरफ मंत्री का ध्यान दिलाते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने याद करवाया कि वह (रविशंकर प्रसाद) एक वकील हैं और उनको धर्मनिरपेक्ष शब्द के बारे में पता होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान के लिए धर्मनिरपेक्ष व्यवहार की ज़रूरत है और मंत्री सूबों को संविधान की मूल भावना की पालना करने के लिए कह रहे हैं।

जवाब में रविशंकर प्रसाद ने लिखा है कि, “कैप्टन अमरिंदर सिंह जी, आप एक अच्छे और जानकार नेता है जिसने भारतीय सेना में देश के लिए लड़ाई लड़ी है। केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर देश को सुरक्षित रखने के लिए काम करना होगा और साथ ही धार्मिक आधार पर प्रताड़ना झेल रहे लोगों को शरण देनी होगी। भारत की यही गौरवशाली परंपरा रही है।”


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