पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह की अन्नदाताओं से अपील, कहा- शांतिपूर्ण तरीके से ट्रैक्टर परेड निकाले किसान

सीएम अमरिंदर ने कहा, "हम हर उस किसान के साथ खड़े हैं, जिसके खून और पसीने ने पंजाब की धरती को दशकों तक पोषित किया है और जिनके बिना भारत आज एक आत्मनिर्भर राष्ट्र नहीं बन सकता।" मुख्यमंत्री ने उन सभी किसानों के प्रति सम्मान प्रकट किया, जो इस लंबे आंदोलन में अपनी जान गंवा चुके हैं।

फोटो: Getty Images
फोटो: Getty Images
user

आईएएनएस

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने किसानों के गणतंत्र दिवस ट्रैक्टर रैली को भारतीय गणतंत्र और उसके संवैधानिक लोकाचार के उत्सव का एक सबूत बताते हुए अपील की कि यह सुनिश्चित किया जाए कि आयोजन शांतिपूर्ण रहेगा। गणतंत्र दिवस पूर्व संध्या संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा, "शांति, इन महीनों में आपके (किसानों के) लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन की पहचान रही है, और आने वाले दिनों में आपके आंदोलन का इसे अभिन्न अंग होना चाहिए।"

उन्होंने कहा, "जिस संघीय ढांचे की स्थापना भारत की राजव्यवस्था के तहत की गई, उसे मौजूदा भारतीय शासन के तहत सबसे बड़े खतरों में से एक का सामना करना पड़ रहा है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।" उन्होंने कहा कि केंद्र के पास किसी राज्य के कृषि विषय पर कानून बनाने की कोई शक्ति नहीं है। कृषि विधानों के केंद्र द्वारा क्रियान्वयन से हमारे संविधान और संघीय ढांचे के हर सिद्धांत का उल्लंघन होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सामूहिक लड़ाई में उनकी सरकार किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी थी। इसका उद्देश्य भारतीय संविधान के संघीय ढांचे की रक्षा करना है।

अमरिंदर ने कहा, "हम हर उस किसान के साथ खड़े हैं, जिसके खून और पसीने ने पंजाब की धरती को दशकों तक पोषित किया है और जिनके बिना भारत आज एक आत्मनिर्भर राष्ट्र नहीं बन सकता।" मुख्यमंत्री ने उन सभी किसानों के प्रति सम्मान प्रकट किया, जो इस लंबे आंदोलन में अपनी जान गंवा चुके हैं। उन्होंने कहा, "उनकी शहादत को पहली बार में टाला जा सकता था। लेकिन केंद्र में असंवेदनशील सरकार है, जिसका नेतृत्व कर रही जनता पार्टी (भाजपा) को अनुचित अहंकार दिखाने के लिए नहीं चुना गया है।" मुख्यमंत्री ने कहा, "मृत किसानों में से प्रत्येक के परिवार को मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी के अलावा, हम उनके परिवार की जरूरतें पूरी करने के लिए अन्य सहायता का विस्तार करेंगे।"

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia