पंजाब के मुख्यमंत्री ने शहीद जवान की अर्थी को दिया कंधा, वीर सपूत के भतीजे का हाथ पकड़ चिता को दी अग्नि

शहीद सिपाही गज्जन सिंह नौ साल पहले सेना में भर्ती हुए थे। वह चार भाइयों में सबसे छोटे थे। आठ महीने पहले फरवरी में उनकी शादी हुई थी। उन दिनों शादी की पोशाक में किसान संघ का झंडा पकड़े उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हुई थी।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए 26 वर्षीय सिपाही गज्जन सिंह को श्रद्धांजलि दी और उनकी अर्थी को कंधा दिया। शहीद का अंतिम संस्कार रोपड़ जिले के नूरपुर बेदी में उनके पैतृक गांव पचरंडा में पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया।

पंजाब के मुख्यमंत्री ने शहीद जवान की अर्थी को दिया कंधा, वीर सपूत के भतीजे का हाथ पकड़ चिता को दी अग्नि

इस मौके पर मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने विधानसभा अध्यक्ष के पी सिंह के साथ पुष्पांजलि अर्पित की और 'अरदास' में भाग लिया। सिपाही गज्जन सिंह 11 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए थे। ड्यूटी के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर की चिता जलाए जाते समय मुख्यमंत्री चन्नी शहीद के भतीजे और उनके पिता के साथ खड़े रहे।


शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के साथ अपनी सहानुभूति साझा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गज्जन सिंह का अभूतपूर्व बलिदान उनके साथी सैनिकों को देश की संप्रभुता और अखंडता को बनाए रखने के लिए अत्यंत समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रेरित करेगा।

सिपाही गज्जन सिंह नौ साल पहले सेना में भर्ती हुए थे। वह चार भाइयों में सबसे छोटे थे। आठ महीने पहले, फरवरी में उनकी शादी हुई थी। उन दिनों शादी की पोशाक में किसान संघ का झंडा पकड़े उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हुई थी। शहीद के परिवार में उनकी पत्नी हरप्रीत कौर और माता-पिता चरण सिंह और मलकीत कौर हैं।

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