विपक्षी नेताओं को परेशान करने के मोदी के पैटर्न को अपना रही मान सरकार? कांग्रेस MLA खैरा की गिरफ्तारी से उठे सवाल

पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार का विरोधियों को परेशान करने का पैटर्न ठीक उसी तरह है जैसे केंद्र की मोदी सरकार विपक्षी नेताओं के साथ करती है।

फोटो: सोशल मीडिया
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धीरेंद्र अवस्थी

केंद्र की मोदी सरकार की राह में अब आम आदमी पार्टी भी चल रही है। जी हां जिस तरह से केंद्रीय एजेंसियां विपक्ष को परेशान करने में लगाती है ठीक उसी तरह अब पंजाब की मान सरकार भी कर रही है। इस बार बारी थी सुखपाल सिंह खैरा की। अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के अध्‍यक्ष और कपूरथला जिले की भुलत्‍थ विस सीट से विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने रात में राघव चड्ढा को लेकर ट्वीट किया और सुबह ही पुलिस उन्‍हें बेडरूम से उठा ले गई।

इससे साफ पता चल रहा है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार का यह पैटर्न ठीक उसी तरह है जैसे केंद्र की मोदी सरकार विरोधियों के साथ कर रही है। पंजाब में कांग्रेस के तकरीबन आधा दर्जन दिग्‍गजों को इसी अंदाज में भगवंत मान की पुलिस या विजिलेंस उठा के लेकर गई है। जो बचे हैं वह भी रडार पर हैं। लिहाजा, पंजाब में हंगामा है।

पंजाब एकमात्र ऐसा राज्‍य है, जहां आम आदमी पार्टी की सरकार के पास पुलिस है। विजिलेंस भी है। राज्‍य में अभी सरकार बने दो साल भी नहीं हुए हैं, लेकिन विरोधी नेताओं को गिरफ्तार करने में उसका अंदाज मोदी सरकार वाला है। ताजा टारगेट बने हैं कांग्रेस के विधायक सुखपाल सिंह खैरा। मामला भी 8 साल पुराना वर्ष 2015 का है। जिस केस को कभी भगवंत मान खुद गलत मानते थे वही आज उनके लिए सही हो गया है।

28 सितंबर को सुबह साढ़े पांच बजे चंडीगढ़ के सेक्‍टर 5 स्थित घर के बेड रूम से बिना चंडीगढ़ पुलिस को सूचना दिए सुखपाल खैरा को पंजाब पुलिस उठाकर ले गई। दरअसल, 27 सितंबर की रात को सोशल मीडिया में राज्‍यसभा सांसद राघव चड्ढा से सुखपाल खैरा ने एक सवाल पूछा था। खैरा ने इस पोस्‍ट में शादी में परणीति चोपड़ा को राघव चड्ढा की ओर से भेंट की गई 4 कैरेट हीरे की महंगी अंगूठी को लेकर लिखा था।

उन्‍होंने सवाल किया था कि 2020-21 की उनकी आईटीआर के अनुसार उनकी आय मात्र 2.44 लाख है। आय से 10 गुना अधिक कीमत वाली यह अंगूठी देने में वह कैसे कामयाब हो गए। खैरा ने साथ में राघव चड्ढा के इनकम टैक्‍स रिटर्न की कॉपी भी पोस्‍ट की थी। इसके चंद घंटे बाद ही 28 सितंबर की सुबह सुखपाल खैरा को गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों घटनाक्रमों की कड़ियां अनायास ही आपस में नहीं जुड़ रही हैं। विरोधियों को गिरफ्तार करने का आप सरकार का यह स्‍टाइल है। खैरा आप छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे।

गिरफ्तारी के बाद सुखपाल सिंह खैरा ने कहा है कि भगवंत मान उनके खून के प्‍यासे हैं। पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार का यह स्‍टाइल बन गया है। इससे पहले पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु, साधु सिंह धर्मसोत, पूर्व उपमुख्यमंत्री ओपी सोनी, सुंदर शाम अरोड़ा को भ्रष्टाचार के आरोप में वह जेल भेज चुकी है। संगत सिंह गिलजियां व भरत इंदर चहल पर केस दर्ज हो चुका है। इसके अलावा करीब एक दर्जन विधायकों के खिलाफ विजिलेंस की जांच चल रही है। पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू, पूर्व परिवहन मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, पूर्व कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा, सुखजिंदर सिंह रंधावा, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा समेत कई बड़े नाम भी रडार पर हैं। बीजेपी में शामिल हो चुके पूर्व वित्‍त मंत्री मनप्रीत बादल को भी विजिलेंस ढूंढ रही है।

पंजाब कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वंडिंग का कहना है कि विधायक सुखपाल खैरा के खिलाफ कार्रवाई साजिश के तहत की गई है। यह राजनीतिक बदलाखोरी का मामला है। वहीं विस में नेता विरोधी दल प्रताप सिंह बाजवा का कहना है कि आप की सरकार ने अब निचले स्तर पर उतरकर बदले की रानजीति का सहारा लिया है। पंजाब पुलिस ने चंडीगढ़ में आकर खैरा को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी से पहले पंजाब पुलिस ने चंडीगढ़ पुलिस तक को सूचित नहीं किया। उन्‍होंने मांग की है कि पंजाब पुलिस पर किडनैपिंग का पर्चा दर्ज होना चाहिए।

चन्‍नी को भी विजिलेंस ने किया तलब

पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार का विरोधी दलों के साथ व्‍यवहार का यह एक सेट पैटर्न बन गया है। पूर्व मुख्‍यमंत्री चरण जीत सिंह चन्‍नी के साथ भी ऐसा ही हुआ था। कांग्रेस सासंद चौधरी संतोख सिंह के निधन के बाद खाली हुई जालंधर लोकसभा सीट पर 10 मई को उप-चुनाव था। जालंधर लोस सीट पर दलित मतदाता निर्णायक है। 13 अप्रैल को जालंधर से कांग्रेस प्रत्‍याशी करमजीत कौर चौधरी का नामांकन था। उसी दिन चन्‍नी ने मीडिया से रूबरू होते हुए आम आदमी पार्टी की सरकार पर ऐसा हमला किया कि पंजाब से लेकर दिल्‍ली तक उसकी गूंज सुनाई पड़ी। मुद्दा भी ऐसा ही था। चन्नी ने सवाल किया था कि पंजाब में दलित डिप्टी सीएम और हिंदू डिप्टी सीएम बनाने के वादे पर केजरीवाल अब बात क्‍यों नहीं करते। इस हमले का ऐसा असर हुआ कि भगवंत मान सरकार ने उसी दिन यानि 13 अप्रैल को ही वाट्सएप संदेश भेजकर चन्‍नी को 14 अप्रैल को विजिलेंस के सामने हाजिर होने का फरमान सुना दिया था।

दिन में चंडीगढ़ में प्रदर्शन, शाम को लुधियाना से आशु गिरफ्तार

यह घटना तकरीबन एक साल पहले की है। कांग्रेस सरकार में फूड सप्लाई मिनिस्टर रहे और वर्तमान में कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्‍यक्ष भारत भूषण आशू के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था। उसी दिन पंजाब कांग्रेस ने चंडीगढ़ में विजिलेंस के डायरेक्टर ऑफिस के बाहर धरना दिया था। धरने में शामिल आशू ने विजिलेंस को गिरफ्तार करने की चुनौती दी थी। धरना खत्‍म होने के बाद आशू लुधियाना लौट गए थे। उसी दिन देर शाम वह फुरसत में सैलून अपने बाल कटवाने पहुंचे थे। पीछे से पहुंचे विजिलेंस के अधिकरियों ने सैलून से ही उन्‍हें गिरफ्तार कर लिया था। इस दौरान आशू के साथ लुधियाना से सांसद रवनीत सिंह बिट्‌टू भी मौजूद थे। आशू की गिरफ्तारी के समय बिट्‌टू विजिलेंस अधिकारियों से भिड़ गए थे।

बाजवा का यह बयान भी हो सकता है वजह

सुखपाल खैरा की गिरफ्तारी के पीछे यह बयान भी एक वजह हो सकता है। पंजाब विस में विपक्ष के नेता और कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह बाजवा ने 27 सितंबर को एक बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि आम आमी पार्टी के 32 विधायक उनके संपर्क में हैं। उनके पास 18 विधायक पहले से हैं और आप के 32 विधायक उनके संपर्क में हैं। वह काफी करीब पहुंच चुके हैं। बाजवा के इस बयान के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार में खलबली है। पंजाब में यह कोई छुपा हुआ तथ्‍य नहीं है कि आम आदमी पार्टी में ऐसे विधायकों की तादाद बड़ी संख्‍या में है, जो अपनी सरकार से बेहद दुखी हैं।

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