दिवाली पर निर्माण श्रमिकों को पंजाब सरकार का तोहफा, श्रमिकों को 3100 रुपए की 'शगुन'

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने घोषणा की है कि कोरोना वायरस के चलते आर्थिक संकट से जूझ रहे, भवन निर्माण और अन्य निर्माण मजदूरों, जो कल्याण बोर्ड (बीओसीवी) के अंतर्गत पंजीकृत हैं, उन्हें विशेष वित्तीय सहायता दी जाएगी।

फोटो: IANS
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अमरीक

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने घोषणा की है कि कोरोना वायरस के चलते आर्थिक संकट से जूझ रहे, भवन निर्माण और अन्य निर्माण मजदूरों, जो कल्याण बोर्ड (बीओसीवी) के अंतर्गत पंजीकृत हैं, उन्हें विशेष वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसके तहत प्रत्येक निर्माण श्रमिक को 3100 रुपए की अंतरिम वित्तीय राहत की पहली किस्त दिवाली पर जारी की जा रही है। यह राशि सीधे निर्माण श्रमिकों को बैंक खातों में जाएगी।

मुख्यमंत्री चन्नी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि यह वित्तीय ग्रांट दिवाली पर मजदूरों और उनके परिवारों के लिए विशेष 'शगुन' है। गौरतलब है कि सूबे में लगभग 3.17 लाख निर्माण श्रमिक पंजीकृत हैं। इस हिसाब से राज्य सरकार उनके बीच 90 से 100 करोड़ रुपए की राशि वितरित करेगी। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के सरपंचों और पार्षदों से कहा कि वे ज्यादा से ज्यादा निर्माण श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन करवाएं, ताकि मजदूर कल्याण बोर्ड की तरफ से समय-समय पर चलाई जा रहीं विभिन्न कल्याण योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठा सकें।


दिवाली के मौके पर दी जा रही वित्तीय सहायता में विस्तार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के चलते श्रमिकों की रोजी-रोटी बुरी तरह से प्रभावित हुई है। राज्य सरकार उनकी और उनके परिवारों की हर संभव सहायता करेगी। पंजाब सरकार के श्रम मंत्री संगत सिंह गिलजियां ने मुख्यमंत्री के इस विशेष तोहफे अथवा शगुन को ऐतिहासिक बताते हुए उनका धन्यवाद किया है। उन्होंने कहा कि हमने दो दिन पहले ही पंजाब सरकार के बोर्ड ऑफ कंस्ट्रक्शन वर्कर के पास रजिस्टर्ड निर्माण श्रमिकों को दिवाली के मौके पर वित्तीय मदद देने का प्रस्ताव भेजा था और बीती रात फाइल मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के पास मंजूरी के लिए पहुंची थी। मुख्यमंत्री ने आनन-फानन में एक्शन लिया और तुरंत फाइल क्लियर कर दी।

श्रम मंत्री संगत सिंह गिलजियां ने बताया कि राशि लाभार्थियों के बैंक खातों में आज ही चली जाएगी। उधर, भवन निर्माण श्रमिकों ने भी मुख्यमंत्री के इस फैसले पर गहरी खुशी का इजहार किया है। जालंधर के श्रमिक लाजपत वर्मा ने 'नवजीवन' से कहा कि घोर मंदी में पंजाब सरकार की ओर से यह बहुत बड़ी राहत है, इसके लिए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का बहुत-बहुत शुक्रिया! होशियारपुर की कमला देवी ने कहा कि कोरोना काल में निर्माण कार्य ठप हो गए थे और त्योहार एकदम फीके। इस बार भी लगता था कि दिवाली काली जाएगी लेकिन सरकार के फैसले ने बहुत बड़ी राहत दी है।


कपूरथला के 57 वर्षीय मजदूर कुलवंत सिंह के मुताबिक पंजाब में ऐसा कल्याणकारी फैसला पहली बार लिया गया है। श्रमिकों पर पहले भी प्राकृतिक आपदाओं तथा अन्य वजहों से संकट आते रहे हैं लेकिन किसी सरकार ने ऐसी पहल-कदमी नहीं की।श्रमिकों पर विशेष काम करने वाले प्रोफेसर नवजीत सिंह भी कहते हैं कि यह सचमुच एक ऐतिहासिक फैसला है और इसके लिए पंजाब सरकार की सराहना की जानी चाहिए।

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