कोरोना काल में हुई शिवराज कैबिनेट की बैठक सवालों में, बीजेपी नेताओं को नहीं सूझ रहा जवाब

कैबिनेट बैठक पर उठे विवाद पर बीजेपी का कोई भी बड़ा नेता बात करने के लिए तैयार नहीं, मगर एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि सरकार ने जो दिशानिर्देश दूसरों के लिए तय किए हैं, उनका उसे भी पालन करना चाहिए। सरकार ही नियम तोड़ेगी तो जनता पर गलत असर होगा।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह सरकार की भोपाल से बाहर हुई कैबिनेट की बैठक सवालों के घेरे में है, क्योंकि कोरोना को नियंत्रण में लाने के लिए सरकार द्वारा तय किए गए दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया। इसको लेकर कांग्रेस ने हमला किया है। वहीं भाजपा का कोई नेता बोलने को तैयार नहीं है।

कोरोना संक्रमण के चलते केंद्र और राज्य सरकार ने गाइड लाइन तय की है। सार्वजनिक, धार्मिक आयोजनों पर पूरी तरह रोक लगी हुई है। विवाह समारोहों से लेकर अंतिम संस्कार तक के लिए लोगों की संख्या तय है। शादी समारोह के लिए दोनों पक्षों के 20-20 लोग यानी कुल 40 लोगों को शामिल होने की अनुमति है, वहीं अंतिम संस्कार में 10 लोग ही शामिल हो सकते हैं।

एक तरफ जहां आयोजनों के लिए संख्या तय है वहीं राजधानी से दूर सीहोर जिले के इछावर में शिवराज कैबिनेट की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में किसी भी आयोजन के लिए तय संख्या से ज्यादा लोगों के मौजूद रहने की बात सामने आ रही हैं। अब से पहले कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कैबिनेट की सारी बैठकें वर्चुअल ही हो रही थीं, मगर संक्रमण का दौर कमजोर पड़ने के बाद कैबिनेट की बैठक भोपाल से बाहर सीहोर के इछावर में हुई।


इस मामले को उठाते हुए कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अजय यादव का कहना है, "बीजेपी हो या उनकी सरकार दोनों ही कोरोना को लेकर गंभीर नहीं है। यही कारण है कि सरकार और संगठन द्वारा लगातार बड़े कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन कार्यक्रमों में संक्रमण को रोकने के लिए तय किए गए दिशानिर्देशों की खुलेआम धज्जियां उड़ीं। अब यह बात पूरी तरह शिवराज कैबिनेट की बैठक में भी सामने आ गई है। इस बैठक में मुख्यमंत्री सहित कुल 31 सदस्य मौजूद रहे, तो वहीं सभी विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे होंगे और अन्य सुविधा मुहैया कराने वाले कर्मचारी भी।"

कैबिनेट बैठक पर उठे विवाद को लेकर बीजेपी का कोई भी बड़ा नेता बात करने के लिए तैयार नहीं हुआ, मगर एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि सरकार ने जो दिशानिर्देश दूसरों के लिए तय किए हैं, उनका भी पालन किया जाना चाहिए ,मगर जब सरकार ही नियम तोड़ेगी तो जनता पर उसका गलत असर होगा। साथ ही संदेश भी बुरा जाएगा, इस बात का भी ख्याल रखा जाना चाहिए। अभी तक वर्चुअल बैठकें होती रहीं, इसलिए अभी भी कैबिनेट बैठक वर्चुअल होती तो ज्यादा अच्छा था।


राजनीतिक विश्लेषक रविंद्र व्यास का कहना है कि सरकार एक तरफ जहां कोरोना को ध्यान में रखकर दिशानिर्देश जारी कर रही है, वहीं उसे भी गाइडलाइन का ख्याल रखना चाहिए। आम आदमी को इमरजेंसी में ही घर से बाहर निकलने की हिदायत दी जा रही है तो ऐसे में सरकार को भी भोपाल से बाहर आयोजन करने से बचना चाहिए था। बेहतर होता कि मंत्रालय में ही बैठक होती, क्योंकि वहां से सुरक्षित जगह दूसरी और कोई हो नहीं सकती।

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Published: 15 Jun 2021, 10:07 PM