असम में पत्रकार की संदिग्ध एक्सीडेंट में मौत पर उठे सवाल, सीएम के करीबी बीजेपी नेता को किया था एक्सपोज

असम के तीनसुकिया में एक स्थानीय न्यूज चैनल के पत्रकार की बृहस्पतिवार को संदिग्ध परिस्थिति में एक सड़क हादसे में मौत हो गई। हालांकि आरोप लग रहे हैं कि पत्रकार की हत्या की गई है, क्योंकि वह अपने क्षेत्र में भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों को उजागर कर रहे थे।

फोटोः सोशल मीडिया
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आसिफ एस खान

असम में बुधवार को एक वाहन के टक्कर मारने से बुरी तरह घायल हुए स्थानीय न्यूज चैनल के पत्रकार पराग भुइयां की बृहस्पतिवार की सुबह मौत हो गई। पुलिस ने इसे सड़क हादसा बताया है, लेकिन पत्रकार के नियोक्ताओं ने आरोप लगाया है कि पत्रकार की सोची समझी साजिश के तहत हत्या की गई है, क्योंकि वह अपने क्षेत्र में बीजेपी नेताओं के भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों को उजागर कर रहे थे।

‘प्रतिदिन टाइम’ चैनल के काकोपोथर के वरिष्ठ संवाददाता पराग भुइयां को बुधवार रात एक वाहन ने उनके घर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 15 पर टक्कर मार दी थी। जिसके बाद पराग भुइयां को गंभीर हालत में डिब्रूगढ़ के एक नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था, जहां बृहस्पतिवार सुबह उनकी मौत हो गई। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज से वाहन की पहचान कर उसके चालक और एक अन्य व्यक्ति को भी गिरफ्तार करने का दावा किया है।

इस मामले में कांग्रेस ने भी गंभीर साजिश का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और असम कांग्रेस के प्रभारी जितेंद्र सिंह ने पत्रकार पराग भुइयां के निधन पर गहरा दुख प्रकट करते हुए परिवार के प्रति संवेदना जताते हुए कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए, क्योंकि वह लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा करते हुए मारे गए हैं।

जितेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि पराग भुइयां सीएम सर्बानंद सोनोवाल के करीबी बीजेपी नेता द्वारा एक सब-इंस्पेक्टर को थप्पड़ मारकर एक आरोपी को काकोपोथर थाने से बलपूर्वक छुड़ा कर ले जाने की घटना को उजागर कर रहे थे। ऐसे में क्या हम असम पुलिस से न्याय की उम्मीद कर सकते हैं?

वहीं, दिवंगत पराग भुइयां जिस चैनल में काम करते थे, उसके प्रधान संपादक नितुमोनी सैकिया ने एक बयान जारी कर कहा है कि ‘‘हमें संदेह है कि पत्रकार की हत्या की गई, क्योंकि वह काकोपोथार के आसपास अवैध गतिविधियों और भ्रष्टाचार को उजागर करने वाली रिपोर्टिंग की एक श्रृंखला चला रहे थे, जिसके लिए उन्हें धमकी मिली थी।’’ सैकिया ने आगे कहा, ‘‘हम ‘प्रतिदिन टाइम’ में इसे एक संदिग्ध सुनियोजित हत्या के तौर पर देखते हैं और पूरी घटना की विस्तृत जांच और भुइयां के परिवार और ‘प्रतिदिन टाइम’ को न्याय की मांग करते हैं।’’

बता दें कि 53 वर्षीय पत्रकार पराग असम गण परिषद के नेता जगदीश भुइयां के छोटे भाई और तिनसुकिया प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष थे। भुइयां के निधन पर असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भी शोक व्यक्त किया और पुलिस को घटना में शामिल लोगों को जल्द से जल्द पकड़ने का निर्देश दिया। वहीं असम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा ने भुइयां की मौत की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस मामले में षड्यंत्र का संदेह है, इसलिए जांच होनी चाहिए।

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Published: 13 Nov 2020, 12:22 AM