राहुल गांधी की सरकार से अपील, पूंजिपति मित्रों के लिए अड़ना छोड़ो, किसान विरोधी कानूनों को वापस लो

राहुल गांधी ने कहा कि अब तक 60 से ज्यादा आंदोलनकारी किसानों की मौत हो चुकी है, इसलिए सरकार को अपनी जिद छोड़कर किसान विरोधी कानूनों को वापस ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों के आंसूं पोंछने के बजाय ये सरकार उन पर आंसू गैस के गोले दाग रही है।

फाइल फोटो
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आसिफ एस खान

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर कृषि कानूनों के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए इन कानूनों को वापस लेने की मांग उठाई है। उन्होंने सोमवार को कहा कि अब तक 60 से ज्यादा आंदोलनकारी किसानों की मौत हो चुकी है, इसलिए सरकार को अपनी जिद छोड़कर इन विवादित किसान विरोधी कानूनों को वापस ले लेना चाहिए। उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि किसानों के आंसूं पोंछने के बजाय ये सरकार उन पर आंसू गैस के गोले दाग रही है।

राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, “मोदी सरकार की उदासीनता और अहंकार ने अब तक 60 से अधिक किसानों की जिंदगी छीन ली है। उनके आंसू पोंछने के बजाय, भारत सरकार उन पर आंसू गैस के हमले करने में व्यस्त है। ऐसी क्रूरता, सिर्फ क्रोनी कैपिटलिस्ट के व्यापारिक हितों को बढ़ावा देने के लिए की जा रही है। कृषि विरोधी कानूनों को निरस्त करो।”

इससे एक दिन पहले राहुल गांधी ने आंदोलन पर डटे किसानों की सर्दी और बारिश में हालत का मुद्दा उठाया था। उन्होंने किसानों के दर्द को एक कविता में समेटते हुआ लिखा, “सर्दी की भीषण बारिश में, टेंट की टपकती छत के नीचे जो बैठे हैं, सिकुड़-ठिठुर कर वो निडर किसान अपने ही हैं, ग़ैर नहीं, सरकार की क्रूरता के दृश्यों में, अब कुछ और देखने को शेष नहीं।“

गौरतलब है कि मोदी सरकार के तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ बीते 40 दिनों से हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान आंदोलन को देखते हुए दिल्ली की कई सीमाओं को पूर्णतः या आंशिक तौर पर बंद कर दिया गया है। गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार और किसानों के बीच अब तक सात दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब तक मसले का हल नहीं निकल सका है। सरकार विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने पर राजी नहीं है, जबकि किसानों ने साफ कर दिया है कि कानून वापसी तक वे पीछे हटने वाले नहीं हैं। अब 8 जनवरी को फिर बैठक होगी।

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