राहुल गांधी ने सीजफायर पर पीएम मोदी को घेरा, बोले- हिम्मत है तो कहें कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं
राहुल गांधी ने कहा कि भारतीय विदेश नीति के लिए बड़ी चुनौती चीन और पाकिस्तान का गठजोड़ है। मेरी बात समझ गए होते तो जहाज नहीं गिरते। यह समझ रहे थे कि ये लड़ाई पाकिस्तान से है। जल्दी समझ आ गया कि यह लड़ाई पाकिस्तान और चीन के साथ है।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीजफायर की घोषणा करने के दावों पर पीएम मोदी को घेरते हुए कहा कि ट्रंप ने 29 बार कहा है कि हमने युद्ध रुकवाया। अगर दम है तो प्रधानमंत्री सदन में यह बोल दें कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं। इंदिरा गांधी के मुकाबले 50 प्रतिशत हिम्मत भी हो, तो वे यह कह दें। अगर सचमुच में दम है तो पीएम को यहां कह देना चाहिए कि डोनाल्ड ट्रंप झूठ बोल रहा है।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पहलगाम हमले को क्रूर और निंदनीय बताया। राहुल गांधी ने कहा कि पहलगाम में एक क्रूर और निर्दयी हमला हुआ, जो स्पष्ट रूप से पाकिस्तानी सरकार द्वारा आयोजित और सुनियोजित था। युवा और बुजुर्ग लोगों को बेरहमी से मार दिया गया। इस सदन में मौजूद हर व्यक्ति ने एकजुट होकर पाकिस्तान की निंदा की।"
राहुल गांधी ने कहा, "जिस क्षण ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ, बल्कि शुरू होने से पहले ही विपक्ष और सभी दलों ने यह प्रतिबद्धता जताई कि हम सेना और भारत की चुनी हुई सरकार के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे। हमने उनके कुछ नेताओं की ओर से कुछ व्यंग्यात्मक टिप्पणियां सुनीं, लेकिन हमने कुछ नहीं कहा। यह एक ऐसी बात थी जिस पर इंडिया गठबंधन के सभी वरिष्ठ नेतृत्व सहमत थे। हमें बहुत गर्व है कि एक विपक्ष के रूप में हम एकजुट रहें, जैसा कि हमें होना चाहिए था।"
उन्होंने कहा, "पहलगाम हमले के बाद हम नरवाल साहब के घर गए, जिनका बेटा नेवी में था। उत्तर प्रदेश और कश्मीर में भी हमने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। हम कानपुर गए। हम नियमित रूप से लोगों से मिलते हैं, और जब आप किसी सैनिक से हाथ मिलाते हैं, तो समझ आ जाता है कि वह टाइगर है। टाइगर को आजादी देनी पड़ती है। सेना को पूरी आजादी देनी होती है और इसके लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति जरूरी है।"
राहुल गांधी ने सैम मानेकशॉ का जिक्र करते हुए कहा, "1971 में मानेकशॉ ने इंदिरा गांधी से ऑपरेशन के लिए छह महीने का समय मांगा था, क्योंकि वह गर्मियों में ऑपरेशन करना चाहते थे। इंदिरा गांधी ने उन्हें पूरी छूट और समय दी। 1971 में तत्कालीन प्रधानमंत्री ने अमेरिका की परवाह किए बिना मजबूत इच्छाशक्ति दिखाई, जिसके परिणामस्वरूप एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया। इसके बाद एक नया देश बना।"
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री के बयान का हवाला देते हुए कहा, "सरकार ने पाकिस्तान को सुबह 1:35 बजे सूचित किया कि हमने उनके आतंकी ठिकानों पर हमला किया है और दावा किया कि यह कदम तनाव बढ़ाने वाला नहीं था, लेकिन आपने 30 मिनट में ही पाकिस्तान के सामने सरेंडर कर दिया, जिससे यह संदेश गया कि सरकार में युद्ध लड़ने की इच्छाशक्ति नहीं है। सरकार ने हमारे पायलटों की स्वतंत्रता को बंधन में जकड़ दिया, जिससे उनकी क्षमता पर अंकुश लगा।"
राहुल ने आगे कहा, "एक नया शब्द चल रहा है- न्यू नॉर्मल। विदेश मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि सभी इस्लामिक देशों ने आतंकवाद की निंदा की, लेकिन यह नहीं बताया कि पहलगाम हमले के बाद किसी भी देश ने पाकिस्तान की निंदा नहीं की। सभी ने सिर्फ आतंकवाद की निंदा की।" राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा, "सरकार ने गलती की है। हमारी किसी से लड़ाई हुई है और हम उससे कहें कि भैया अब ठीक है, हम लड़ाई नहीं चाहते। हमने आपको एक थप्पड़ मारा है, दूसरा थप्पड़ नहीं मारेंगे। गलती सेना की नहीं, सरकार की थी।" उन्होंने कहा कि सीडीएस अनिल चौहान ने गलती मानी।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड आसिम मुनीर है। वह ट्रंप के साथ लंच कर रहा था। ट्रंप ने कहा कि मैं वॉर में नहीं जाने के लिए धन्यवाद कहना चाहता था। यह न्यू नॉर्मल है। एक और न्यू नॉर्मल है कि कोई भी आतंकी घटना एक्ट ऑफ वॉर मानी जाएगी। मतलब आपने पूरी की पूरी पावर आतंकियों को दे दी। भारतीय विदेश नीति के लिए बड़ी चुनौती चीन और पाकिस्तान का गठजोड़ है। मेरी बात समझ गए होते तो जहाज नहीं गिरते। यह समझ रहे थे कि ये लड़ाई पाकिस्तान से है। जल्दी समझ आ गया कि यह लड़ाई पाकिस्तान और चीन के साथ है।
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