राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष से बोलने का अधिकार मांगा, संसदीय समिति की बैठक से वॉकआउट के बाद लिखा पत्र

लोकसभा अध्यक्ष को भेजे पत्र में राहुल गांधी ने कहा है कि संसद की समिति का सदस्य होने के नाते किसी भी सदस्य को अधिकार है कि वो कोई मुद्दा उठा सकता है। लेकिन किसी एक सदस्य को बोलने की इजाजत नहीं देना गैर लोकतांत्रिक है और सदस्यों के अधिकारों का हनन है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

रक्षा मामलों पर संसदीय समिति की बुधवार को हुई बैठक में नहीं बोलने देने पर वॉकआउट करने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर शिकायत की है। उन्होंने कहा कि संसदीय समिति की बैठक में उन्हें बोलने की इजाजत नहीं दी गई और रोक दिया गया, इसलिए आपसे मामले में दखल देने का आग्रह है।

राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष को कहा कि समिति के सदस्यों को मुद्दे उठाने का अधिकार है। पत्र में उन्होंने कहा कि रक्षा मामलों पर संसद की समिति का सदस्य होने के नाते किसी भी सदस्य को अधिकार है कि वो कोई मुद्दा उठा सकता है। लेकिन किसी एक सदस्य को बोलने की इजाजत नहीं देना गैर लोकतांत्रिक है और सदस्यों के अधिकारों का हनन है।

कांग्रेस नेता ने पत्र में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से अनुरोध करते हुए कहा कि संसदीय समिति की बैठकों में निर्वाचित सांसदों को बिना अवरोध के बोलने का मौका दिया जाए। यही लोकतांत्रिक प्रक्रिया है और सांसदों का अधिकार भी है।

बता दें कि बुधवार को रक्षा मामलों पर संसदीय समिति की बैठक में बोलने नहीं देने पर विरोध दर्ज कराते हुए राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस सदस्य बैठक से वॉक आउट कर गए थे। सूत्रों ने बताया कि रक्षा मामलों पर हो रही बैठक में सशस्त्र सेनाओं की वर्दी पर चर्चा हो रही थी, जिसका विरोध करते हुए राहुल गांधी ने समिति के सामने लद्दाख में चीन की आक्रामकता और सैनिकों को बेहतर उपकरण उपलब्ध कराने से जुड़े मुद्दे उठाने की कोशिश की, लेकिन समिति के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद जुएल उरांव ने उन्हें रोक दिया। इसके विरोध में कांग्रेस सदस्य बैठक से बाहर निकल गए।

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